गोपालगंज: जिले के पशुओं में लंपी वायरस का प्रकोप लगातार फैलता जा रहा है. अब तक इस बीमारी की चपेट में आकर ढाई सौ से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है. जबकि चार हजार से अधिक मवेशी संक्रमित हो चुके हैं.
बैकुंठपुर, कुचायकोट, सिधवलिया, बरौली, मांझागढ़, गोपालगंज दियारा, पंचदेवरी, भोरे, कटेया आदि इलाकों में हर रोज सैकड़ों पशु इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. बीमार पशुओं के मरने से पशुपालकों में हाहाकार मचा हुआ है. रोगग्रस्त दुधारू पशुओं के साथ छोटे बछड़े भी मर रहे हैं. हालांकि पशुपालन विभाग के पास लंपी से बीमार व मरने वाले पशुओं का कोई आंकड़ा नहीं है.
पशुपालकों ने कहा कि नहीं मिल रही दवा विभाग पशु अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था रहने का दावा कर रहा है. लेकिन,पशुपालकों का कहना है कि अस्पताल से इलाज व दवा की सुविधा नहीं मिल रही है. कुचायकोट के बलथरी के पशुपालक शुड्डू यादव, विकास यादव, पहाड़पुर दयाल के सोमेश्वर सिंह ने बताया कि दवा नहीं मिल रही है. रोज अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं. बरौली के नावादा गांव के कृष्णा सिंह, हेमनारायण सिंह, रामचन्द्र पाल ने बताया कि पशु अस्पताल में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. गंभीर रूप से बीमार पशुओं के इलाज के लिए भ्रमणशील पशु चिकित्सक दरवाजे पर नहीं पहुंच रहे हैं. बैकुंठपुर के गम्हारी गांव के अर्जुन प्रसाद, पंचदेवरी प्रखंड के भठवा गांव के धनंजय मिश्रा, चौराव गांव के संतोष प्रसाद आदि पशुपालकों ने बताया कि अस्पताल जाने के बाद भी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित मवेशियों के लिए दवा नहीं मिली. गुहार लगाने के बाद भी पशु चिकित्सक गांव में बीमार पशु को देखने आए. एक-दो पशुपालकों ने बताया कि एक-दो दवा मिली भी तो उसका बीमार पशुओं पर कोई असर नहीं हुआ.
बचाव के चार उपाय:
- संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से अलग रखें
- मच्छर, मक्खी, अठै आदि से मवेशी को बचाएं
- संक्रमित मवेशी को मिनरल मिक्चर का पाउडर खिलाएं
- मवेशियों की इम्युनिटी बढ़ाने को लेकर लेवमीजोल सुई दिलाएं
जिले के अस्पतालों में लंपी वायरस के इलाज के लिए दवा उपलब्ध है. अस्पताल पहुंचने वाले मवेशियों का इलाज भी किया जा रहा है. वायरस से संक्रमित मवेशियों को अलग करने की सलाह मवेशीपालकों को दी जा रही है.
-डॉ. जाहिद हुसैन, पशुपालन पदाधिकारी, गोपालगंज