मुजफ्फरपुर न्यूज़: बिहार में साइबर अपराधियों का जाल पांच वर्षों में तीन से बढ़कर 11 जिलों तक फैल चुका है. इस दौरान साइबर अपराध के मामलों में 230 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. पहले नालंदा, नवादा और शेखपुरा साइबर अपराध के हॉट स्पॉट थे. अब मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, पटना, मुजफ्फरपुर, जमुई, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में यह फैल गया है.
इन्हीं 11 जिलों से ज्यादा शिकायतें
हाल में पकड़े गए कई साइबर अपराधियों का गैंग भी मुख्य रूप से इन्हीं 11 जिलों से ताल्लुक रखने वाले पाए गए. इनमें भी सबसे ज्यादा शिकायतें और सक्रिय गैंग पटना, नवादा, जमुई, नालंदा, मुजफ्फरपुर और चंपारण क्षेत्रों से सामने आ रही हैं. वैशाली, नवगछिया, औरंगाबांद, कैमूर जिलों में भी कुछ साइबर गैंग की सक्रियता देखी जा रही है. जांच एजेंसियों की इन पर नजर बनी हुई है.
निशाने पर दूसरे राज्यों के लोग भी
अपराधी संगठित गिरोह बनाकर इसे अंजाम देने लगे हैं. इन गिरोहों का जाल दूसरे राज्यों तक फैला है. यहां के साइबर अपराधी पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु के शहरों के कारोबारियों और संपन्न लोगों से भी ठगी कर रहे हैं.
हाल में सामने आए कई मामले
राज्य में साइबर ठगी की बड़ी वारदातें नवादा, पटना और चंपारण इलाके में हुई हैं. नालंदा, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया से कुछ एक बड़े मामले सामने आए हैं. बेतिया में एक व्यापारी को फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 18 लाख रुपये ठग लिए गए थे. ऐसे ही मामले में वैशाली के एक व्यापारी से 36 लाख रुपये की ठगी की गई. गोपालगंज के व्यक्ति से 5 लाख एवं भागलपुर के व्यापारी से 26 लाख रुपये केक के एक बड़े ब्रांड की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठगी कर ली गई. ईओयू की जांच में पटना के ठगों का हाथ सामने आया. नवादा के ठगों ने पंजाब के एक व्यापारी को पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये ठग लिए.
किस तरह के झांसे में आ रहे हैं लोग
ये अपराधी एजेंसी व पेट्रोल पंप दिलाने और फर्जी योजना का झांसा देकर शिकार बना रहे हैं. दूसरे राज्यों में ओटीपी और बैंक की जानकारी पूछकर खाते से रुपये उड़ाने के मामले कम होते है. इन राज्यों में ऑनलाइन माध्यम से ठगी के मामले सबसे ज्यादा होते हैं. हर महीने कम से कम दो बार तो दूसरे राज्यों की पुलिस ऐसी ठगी की पूछताछ के लिए जरूर आती है. इस कार्रवाई में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) सहयोग करती है.
बिहार के अपराधियों का जामताड़ा से अलग मॉडल
बिहार के साइबर अपराधियों के फ्रॉड का मॉडल जामताड़ा से अलग होता है. जामताड़ा में चेहरा पहचानने, फोन करके धोखे से पासवर्ड पूछने या खाता बंद करने का झांसा देकर, एटीएम क्लोनिंग, चेक क्लोनिंग, ऑनलाइन फर्जी सामान डिलिवरी, क्रेडिट कार्ड से ठगी करने, ऑनलाइन लॉटरी जैसे हथकंड़ों को अपना कर ठगी करते थे. नालंदा के कतरीसराय, नवादा, शेखपुरा में साइबर अपराधियों ने गिरोह बनाकर फर्जी कॉल सेंटर चलाने, आयुर्वेद दवाओं समेत अन्य तरीके से ठगी का कारोबार शुरू किया. लेकिन अब ये उन्नत तरीके से ठगी कर रहे हैं.