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पटना (आईएएनएस)| बिहार के आरा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भगवान सिंह कुशवाहा को इछारी नरसंहार मामले में बरी कर दिया। न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सबूत के अभाव में जदयू नेता को बरी कर दिया। अदालत ने हालांकि नौ आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
यह नरसंहार 29 मार्च, 1993 को हुआ था जब हथियारबंद लोगों के समूह ने पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। फायरिंग में कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं। पीड़ितों पर उस समय हमला किया गया जब वह जगदीशपुर प्रखंड में भाजपा की रैली से ट्रैक्टर पर सवार होकर लौट रहे थे।
मृतकों की पहचान राम लोचन सिंह, विनय सिंह, जालिम सिंह, हृदयानंद सिंह और अनंत सिंह के रूप में हुई है। इनकी मौके पर ही मौत हो गई। उस घटना के बाद कुशवाहा समेत 10 लोगों पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। कुशवाहा तब भाकपा माले से जुड़े थे।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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