रोहतास न्यूज़: जिले में बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों की घोर कमी है. मात्र 10 बाल विकास परियोजना के भरोसे 19 परियोजना कार्यालय चल रहे हैं.
ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित मॉनिटरिंग नहीं हो पाती है. जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं. स्थिति यह है कि एक-एक बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को दो से तीन प्रखंडों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. ऐसे में प्रभार वाले प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्रों की नियमित जांच नहीं हो पाती है. कार्यालयों की कागजी कार्रवाई में ही ज्यादा समय लग जाते हैं. केन्द्र भ्रमण करने का समय नहीं मिल पाता है. वरीय पदाधिकारियों की जांच में इसका खुलासा भी हुआ था. प्रियम्बदा कुमारी को अकोढ़ीगोला, दिनारा सीडीपीओ शशि कुमारी को दिनारा के अलावे बिक्रमगंज व नासरीगंज का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. चेनारी की सीडीपीओ नेहा कुमारी को चेनारी के अतिरिक्त सूर्यपुरा का प्रभार दिया गया है. ममता कुमारी डेहरी ग्रामीण, रूबी कुमारी को करगहर के अलावे काराकाट का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. आभा कुमारी का नोखा, पुरूषोतम त्रिवेद्वी को डेहरी सदर , सरोज भलेरिया टोप्पो को राजपुर के अलावे दावथ व संझौली का अतिरिक्त पभार, पूनम कुमारी के पदास्थापन नौहट्टा के अलावे तिलौथू व रोहतास का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. सासाराम में सुषमा कुमारी व शिवसागर में रश्मि कुमारी का पदस्थापन है.
जिले में सीडीपीओ की कमी है. 19 प्रखंडों में मात्र 10 सीडीपीओ हैं. जिन्हें अन्य प्रखंडों का प्रभार दिया गया है.
-रश्मि रंजन,जिला प्रोग्राम पदाधिकारी