बिहार

माप-तौल विभाग बिना बाट सत्यापन जिले में चल रहीं 15 हजार दुकान

Admin Delhi 1
28 Aug 2023 5:00 AM GMT
माप-तौल विभाग बिना बाट सत्यापन जिले में चल रहीं 15 हजार दुकान
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इनमें माप व तौल से संबंध रखने वाले 15 हजार से अधिक दुकाने व प्रतिष्ठानें हैं.

बेगूसराय: जिले के गांवों से लेकर शहरी क्षेत्रों में लगभग 20 हजार से अधिक दुकानें और अन्य प्रतिष्ठानें हैं. इनमें माप व तौल से संबंध रखने वाले 15 हजार से अधिक दुकाने व प्रतिष्ठानें हैं. इसमें महज 4747 दुकाने व प्रतिष्ठानें ही मापतौल विभाग से सत्यापित हैं. जबकि, स्थाई दुकानदारों व प्रतिष्ठान संचालकों को मापतौल से संबंधित उपकरण का सत्यापित कराना व लाइसेंस लेना अनिवार्य है. बावजूद, बिना सत्यापन के जिले में खुलेआम लगभग 15 हजार से अधिक स्थायी दुकाने चल रही है. इससे विभाग को लगभग 1.5 करोड़ रुपये राजस्व की हानि हो रही है. मापतौल विभाग को इस विर्तीय वर्ष में एक करोड़ 93 लाख रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य मिला है. हालांकि विभाग ने पिछले वितीय वर्ष में एक करोड़ 29 लाख 81 हजार 901 रुपये का राजस्व हासिल किया था. इस वर्ष वर्तमान में राजस्व वसूली के लिए विभागीय अभियान शुरु कर दिया गया है. विभाग ने 478 बिना सत्यापित दुकानदारों को नोटिस भेजा है. इसके अलावा बिना सत्यापन के चल रही दुकान को भी ढ़ूंढ़ कर उन्हें नोटिस भेजने का काम कर रही है. जिला माप तौल अधिकारी बीके सिन्हां ने बताया कि इस साल मार्च 2023 तक कुल 4747 दुकानदारों के बाट का सत्यापन करवाया गया है. इस साल नए 478 दुकानदारों को नोटिस भेजा गया है. उन्होंने बताया कि सत्यापन करा लाइसेंस लेने की बहुत ही सरल प्रक्रिया है. विभाग में आकर प्रतिष्ठान के संचालक ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन कर, ऑनलाइन ही फ्री भुगतान कर हाथोहाथ लाइसेंस ले सकत हैं. पांच किलोग्राम तक वजन के तराजू के लिए एक हजार का चालान लगता है. वहीं 100 टन के धर्मकांटा के लिए प्रति वर्ष 79 हजार शुल्क लगेगा. ग्रामीण इलाके में ही नहीं शहरी क्षेत्र के कई ऐसे प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस के ही तराजू का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

बिना निबंधन के पकड़े जाने पर 5 हजार जुर्मानाजिले में हर माह सात से आठ जगहों पर पुलिस-प्रशासन के सहयोग से छापामारी की जाती है. यह अभियान निरंतर चलता रहता है. बिना सत्यापन के पकड़े जाने पर पहली बार पांच हजार जुर्माना वसूला जाता है. नोटिस देने के बावजूद नहीं आने वालो को 55 सौ जुर्माना किया जाता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर एफआईआर की जाती है. दोषी पाए जाने पर एक साल सजा व जुर्माना का प्रावधान है. पिछले वर्ष 314 व्यापारियों पर अभियोग प्रस्तावित किया गया था.

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में सिर्फ सात लाइसेंसी डीलर ही इलेक्ट्रॉनिक्स और कंपास (कांटा वाला) तराजू बेचने के लिए अधिकृत हैं. इनकी भी जांच निरंतर की जाती है.

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