मोतिहारी न्यूज़: बिहार न्यूज़ डेस्क जिले में सिंचाई संकट जस की तस है. खरीफ सीजन में दम तोड़ चुके राजकीय नलकूपोें से सिंचाई करना किसानों के लिए मुश्किल भरा काम होगा. जिले में 612 सरकारी नलकूप हैं. जिसमें बिजली दोष से 13 बंद हैं.
बिजली आपूर्ति नहीं होने से नलकूप शो पीस बनकर रह गये हैं. लघु जलसंसाधन विभाग के द्वारा बिजली विभाग को पत्र भी भेजा गया है. लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस है. इन तेरह नलकूपों के बंद रहने से करीब 700 एकड़ भूमि में सिंचाई प्रभावित है. बिजली दोष से पुराने 244 राजकीय नलकूपों में 4 जगह बंद है. नाबार्ड फेज 8 में लगे 199 नलकूपों में 7 जगह बंद है. वहीं नाबार्ड फेज 11 में लगे 115 नलकूपों में 2 जगह नलकूप बंद है. जिससे सिंचाई प्रभावित है. बताया जाता है कि पहले इन नलकूपों से किसान अपने फसल की सिंचाई करते थे जो काफी सस्ता होता था. लेकिन नलकूपों के बंद रहने से किसान निजी बोरिंग व पंपसेट से सिंचाई को विवश हैं. कार्यपालक अभियंता ई मिथिलेश कुमार ने बताया कि बिजली दोष से बंद नलकूपों को ठीक कराने के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है.
पीपराकोठी में लाखों खर्च के बावजूद बिजली आपूर्ति नहीं होने से11 नलकूप नाकारा
क्षेत्र में सिंचाई के लिए लगे राजकीय नलकूपों का बुरा हाल है. आलम यह है कि कहीं पर टूटी नालियां तो कहीं पर बीमार हालत में पड़े राजकीय नलकूप विभाग की मंशा को मुंह चिढ़ाते हुए शो पीस साबित हो रहे हैं. प्रखण्ड के 16 में 11 नलकूप बिजली विभाग की लापरवाही से लाखों खर्च के बावजूद बंद पड़े हैं.
लाखों खर्च कर तो नलकूप का निर्माण कराया गया, परंतु बिजली के दगा देने से किसान हलकान हैं. प्रखंड के 16 में से 11 नलकूप शोपीस बने हुए हैं. जो जीवंत स्थिति में हैं उससे भी किसानों को भरपूर लाभ नहीं मिल रहा है. बताया जाता है सबसे अधिक आठ नलकूप सूर्यपुर पंचायत में हैं. जिसमें दो से सिंचाई की खानापूर्ति तो होती है परंतु छह बीमार हालत में शो पीस बना है. दक्षिण ढेकहा में दो नलकूप बिजली आपूर्ति के कारण वर्षो से सुसुप्तावस्था में है.
सिकरहना कई सरकारी नलकूप बंद
सरकारी नलकूप का संचालन अब पंचायत के जिम्मे कर दिया गया है. लेकिन अभी भी कई ऐसे जगह है, जहां सरकारी नलकूप तो है लेकिन बिजली के अभाव में बंद पड़ा हुआ है.
ढाका प्रखंड के मेसौढ़ा में ट्रांसफार्मर जलने के कारण वहां नलकूप बंद पड़ा है, तो ठीक उस गांव के बगल में गवन्द्री में पोल तार नहीं होने के कारण नलकूप बेकार पड़ा हुआ है. गवन्द्री में ट्रांसफॉर्मर व पोल तार पूर्व से लगा हुआ था, लेकिन बीच में चार पांच पोल व तार गायब है. संयुक्त दोष के कारण नलकूप बंद होने की स्थिति में यहां के किसान सिंचाई के लिए निजी नलकूप पर आश्रित हैं. यहां के किसान मोइन अख्तर, रामअयोध्या सिंह, बबन सिंह आदि ने बताया कि सरकारी नलकूप से यहां के किसानों को कोई फायदा नहीं है.
नलकूप तो है, लेकिन बिजली से जुड़े नहीं होने के कारण यह चालू हालत में नहीं है. ढाका कनीय अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि बिजली विभाग से बातचीत हुयी है, जिनके द्वारा शीघ्र ही जले ट्रांसफार्मर को बदलने का आश्वासन दिया गया है. वहीं जहां पोल व तार गायब है वहां यदि पोल व तार बिजली विभाग द्वारा लगा दिया जाए तो वह भी चालू हो सकता है.