बिहार

सदर अस्पताल में नौ माह में मिले सेरेब्रल पाल्सी से बीमार हुए 123 बच्चे

Harrison
10 Oct 2023 2:00 PM GMT
सदर अस्पताल में नौ माह में मिले सेरेब्रल पाल्सी से बीमार हुए 123 बच्चे
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बिहार | जिले में सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है. इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए 123 बच्चे इस रोग से ग्रसित मिले हैं. अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के अनुसार साल-दल-साल इस रोग की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है. सदर अस्पताल के अलावे जिले के निजी अस्पतालों में भी इस रोग से पीड़ित बच्चे लगातार मिल रहे हैं. सेरेब्रल पाल्सी (सीपी) बच्चों में होने वाली न्यूरोलॉजिकल जन्मजात बीमारी है.
समय से पहले जन्म लेने वाले या जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों में इसकी आशंका सबसे अधिक है. इस बीमारी के लक्षण जन्म के बाद पहले वर्ष में दिखाई देते हैं. इसमें बच्चे के मस्तिष्क का विकास सामान्य तरीके से नहीं हो पाता है. जिसकी वजह से मस्तिष्क की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है. मस्तिष्क के जिस हिस्से पर इसका असर होता है, उससे संबंधित अंग प्रभावित हो जाता है. इस बीमारी के कई वजह होते हैं, लेकिन अगर किसी बच्चे में एंजाइम या जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से यह बीमारी हुई होती है तो उसका जीवन मात्र 10 से 20 साल ही होता है. डॉक्टरों के अनुसार जन्म के समय बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने,रक्तचाप नियंत्रित नहीं होने व गर्भावस्था में मां किसी तरह के संक्रमण या फिर अनुवांशिक कारण बच्चे के मस्तिष्क विकास में बाधा बनते हैं. डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी कई तरह की होती है. जिसे स्पासटीसिटी सेरेब्रल पाल्सी,डिस्कनेटिक सेरेब्रल पाल्सी मिक्सड सेरेब्रल पाल्सी कहा जाता है.
जन्म से पहले गर्भावस्था के दौरान जिनेटिक जांच करानी जरूरी है. इससे बीमारी का पता चल जाता है. फिर जन्म के तुरंत बाद इलाज हो सकता है. एंजाइम की कमी भी दूर की जा सकती है.
जन्म के बाद बच्चे के मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की जांच भी जरूरी है. जिससे शुरू में बीमारी का पता लगने पर काफी हद तक इलाज किया जा सकता है.
बच्चों में होने वाली इस बीमारी से नहीं हो पाता है सामन्य विकास
सेरेब्रल पाल्सी रोग की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. प्रति एक हजार की संख्या में 3 से 4 बच्चे इस रोग से प्रभावित मिल रहे हैं. ऐसे में इसके प्रति जागरूकता की जरुरत है. डॉ. रत्नेश्वर पाण्डेय ,क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट ,मानसिक रोग विभाग गोपालगंज
प्रमुख लक्षण
● प्रभावित बच्चे को बैठने चलने व बात करने में होती है परेशानी,मस्तिष्क के प्रभावित हिस्सा सही तरीके से नहीं कर पाता है काम
● जेनेटिक वजह से बीमारी होने पर इसका दिखता है असर
प्रमुख कारण
● मस्तिष्क में सही से रक्त प्रवाह नहीं होना
● सिर पर गंभीर रूप से चोट लग जाना
● दिमागी बुखार से उत्पन्न संक्रमण
● बचाव के लिए ये एहतियात जरूरी
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