बिहार

113 आईपीएस ने पिछले वर्ष की संपत्ति का भी नहीं दिया ब्योरा

Admin Delhi 1
27 Jan 2023 7:24 AM GMT
113 आईपीएस ने पिछले वर्ष की संपत्ति का भी नहीं दिया ब्योरा
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पटना न्यूज़: बिहार कैडर के 113 आईपीएस अधिकारियों ने अब तक 2022 की भी अपनी अचल संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया है. इन सभी अधिकारियों को स्पैरो सिस्टम पर ऑनलाइन माध्यम से 31 जनवरी 2023 तक वार्षिक अचल संपत्ति की विवरणी को समर्पित करने को कहा गया है. इसमें कई अधिकारी वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. इन्हें भी ऑनलाइन माध्यम से निर्धारित वेबसाइट पर जमा करना है.

वर्ष 2022 के लिए जिन आईपीएस ने अचल संपत्ति का ब्योरा प्रस्तुत नहीं किया है. इसमें पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो, गया एसएसपी आशीष भारती, औरंगाबाद की एसपी स्वपना जी मेसराम, अरवल एसपी मो. कासिम के अलावा कुछ एडीजी और डीजी रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं. इसमें डीजीपी की रेस में रहे डीजी मनमोहन सिंह, जो वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. होम गार्ड की डीजी शोभा ओहतकर, एडीजी (कमजोर वर्ग) आर मल्लार विली, एटीएस एडीजी रविंद्र शंकरन, एडीजी (प्रशिक्षण) अनिल किशोर यादव, एडीजी (ईओयू) नैयर हसनैन खान समेत अन्य शामिल हैं. इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे मनु महाराज, सुनील के नायक समेत अन्य भी शामिल हैं. इस लिस्ट में शामिल अन्य अधिकारियों में निशांत कुमार तिवारी, सुनील कुमार, संजय कुमार हरप्रीत कौर, हरि प्रसाद एस, नीलेश कुमार, हर किशोर राय समेत अन्य शामिल हैं. निलंबित चल रहे आईपीएस सुधीर कुमार पोरिका और आदित्य कुमार का भी नाम इसमें है.

गृह विभाग के संयुक्त सचिव दिनेश कुमार राय ने इससे संबंधित पत्र डीजीपी को भेजा है. इसके अनुसार, आईपीएस अधिकारियों को प्रत्येक पंचांग वर्ष की वार्षिक अचल संपत्ति विवरणी अगले वर्ष की पहली जनवरी को उनके पास उपलब्ध अचल संपत्ति की स्थिति के आधार पर स्पैरो सिस्टम के अंतर्गत 31 जनवरी तक जमा करना अनिवार्य सरकारी दायित्व के अंतर्गत आता है.

अधिकारियों को आगे हो सकती है समस्या: इन आईपीएस अधिकारियों को संपत्ति का ब्योरा देने की अनिवार्यता निगरानी से स्वच्छता प्रमाण-पत्र लेने के लिए भी जरूरी है. इससे इनका मूल्यांकन वर्ष 2022-23 का कार्य निष्पादन मूल्यांकन प्रतिवेदन को विभागीय स्तर पर स्वीकार करने की कार्रवाई भी लंबित रहेगी. इसका ब्योरा समय पर प्रस्तुत नहीं करने पर इन अधिकारियों को आगे कई तरह की विभागीय समस्या हो सकती है.

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