बिहार

बुजुर्ग को लगाया कोरोना के 11 टीके, सरकार ने दिए जांच के आदेश

Deepa Sahu
5 Jan 2022 1:27 PM GMT
बुजुर्ग को लगाया कोरोना के 11 टीके, सरकार ने दिए जांच के आदेश
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सारे देश में तेजी से बढ़ रहा कोरोना बिहार में भी लोगों को अपनी जद में ले रहा है।

सारे देश में तेजी से बढ़ रहा कोरोना बिहार में भी लोगों को अपनी जद में ले रहा है। आलम ये है कि जनवरी के पहले सप्ताह में पटना में 500 से ज्यादा लोग संक्रमित मिले। कोरोना की रफ्तार तेज होने के बाद अब तक वैक्सीन लेने से आनाकानी करने वाले लोग भी वैक्सीन लेने में दिलचस्पी लेने लगे हैं। लेकिन इन सबके बीच मधेपुरा के एक बुजुर्ग ऐसे भी हैं जिन्होंने वैक्सीन लेने का रिकार्ड तक बना दिया है। उन्होंने 12वीं डोज लेने की भी कोशिश की लेकिन टीका खत्म हो गया था।

मधेपुरा के औराय गांव के रहने वाले 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल ने पिछले 10 महीने में अलग-अलग जगहों पर 11 बार कोरोना का टीका लिया है। उनका कहना है कि टीका लेने के बाद उनके घुटनों का दर्द कम हुआ है। फायदा होने पर ही उन्होंने टीके की इतनी डोज ले डालीं। उन्होंने टीका लेने की तारीखें भी बकायदा एक कागज पर नोट की हुई हैं। उन्होंने बताया कि एक ही आधार कार्ड और एक ही मोबाइल फोन नंबर पर ये टीके लिए है। सरकार कोई निगरानी नहीं कर रही है। मैं तो अपने फायदे के लिए टीका ले रहा हूं। आगे भी टीका लेने की मेरी इच्छा है।
उधर, 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल का मामला सामने आते ही बिहार सरकार सक्रिय हो गई है। मामले की जानकारी मिलते ही जांच का आदेश दिया गया है। सीएस अमरेंद्र प्रताप शाही ने चौसा और पुरैनी के प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि बिहार में टीके को लेकर पहले जो ग़ड़बड़ी हुईं, उनकी जांच का क्या रहा।
बिहार में कोरोना टीकाकरण को लेकर सरकारी लापरवाहियां कई बार सामने आती रही हैं। देश की नामी गिरामी हस्तियों का भी कागजों पर यहां के कई जिलों में टीकाकरण हो गया है। अब ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कुछ मामलों पर गौर करें तो यहां मृत महिला को वैक्सीन की खुराक दे दी गई तो नोएडा में बैठे व्यक्ति को अररिया में वैक्सीन लग गई। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि डाक विभाग में से रिटायर हुए ब्रह्म देव मंडल के दावे अगर सही हैं तो फिर सारा सिस्टम ही बेकार है, जिसमें आधार कार्ड के जरिए ही वैक्सीनेशन देने का काम किया जा रहा है।


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