
तेघड़ा थाना क्षेत्र में एक अधेड़ लोक गायक किशन प्रसाद चौरसिया और एक नाबालिक युवती को लोगों ने एक कमरे से बरामद किया था। जिसके बाद उन लोगों ने दोनों की जमकर पिटाई करने के बाद वीडियो वायरल कर दिया था। इस घटना में लोगों ने लड़की और अधेड़ को पूरी तरीके से निर्वस्त्र कर उसकी जमकर पिटाई की थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तेघड़ा डीएसपी ने घटना में शामिल तीन लोगों को नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अब पुलिसिया दबिश में तीन आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया है।
क्या है मामला
तेघड़ा डीएसपी रविन्द्र प्रसाद का कहना है कि पुलिस को एक वायरल वीडियो मिला था जो काफी गंभीर था। इस मामले में अधेड़ लोक गायक किशन प्रसाद चौरसिया को पुलिस ने उसी समय गिरफ्तार कर लिया। वीडियो के सामने आते ही तेघड़ा डीएसपी और डीएसपी हेड क्वार्टर निशीतप्रिया के नेतृत्व में एक टीम गांव पहुंची और उस नाबालिग लड़की का बयान दर्ज कराया। इस मामले में लड़की के बयान पर पोस्को, आईटी और एससी एसटी के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ कुर्की जप्ती की कार्रवाई करने की आदेश दिया गया है। पुलिसिया दबिश के कारण रविवार को तीनों आरोपी रामजतन पासवान, रविंद्र ठाकुर एवं दिलीप पोद्दार तेघड़ा थाना पहुंचकर तेघड़ा डीएसपी रविंद्र प्रसाद एवं तेघड़ा थाना अध्यक्ष संजय सिंह के सामने आत्मसमर्पण किया है।
बेगूसराय प्रशासन से यह है सवाल
तीन नामजद आरोपियों के आत्मसमर्पण करने पर स्थानीय बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि मुख्य आरोपी उसे बनाया गया है, जिसके साथ (किशन प्रसाद चौरसिया) वह युवती रिश्ते में थी। इन दोनों को नंगा कर पीटने वाले चार और कपड़ा खींचते हुए वीडियो बनाने वाला पांचवां था। इन पांच में से तीन को ही आरोपी बनाया गया, इसलिए तीन ने ही आत्मसमर्पण किया। अब सवाल यह है कि बेगूसराय पुलिस ने तीन को ही नामजद क्यों बनाया ? जबकि, वीडियो में चार दिख रहे और एक तो वीडियो बनाने वाला था ही। सवाल यह भी है कि बेगूसराय पुलिस किसे और क्यों बचा रही है?
