बिहार

श्रावणी मेला में धड़ल्ले से बिक रहा है गांजा, श्रद्धा की आड़ में जमकर फूंक रहे हैं कांवड़िया

Rani Sahu
22 July 2022 11:29 AM GMT
श्रावणी मेला में धड़ल्ले से बिक रहा है गांजा, श्रद्धा की आड़ में जमकर फूंक रहे हैं कांवड़िया
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14 जुलाई विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2022 (World Famous Shravani Mela) जारी है

भागलपुर: 14 जुलाई विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2022 (World Famous Shravani Mela) जारी है. इन दिनों रोजाना सुल्तानगंज से हजारों की संख्या में कांवड़िया पैदल, डॉक बम के रूप में और सड़क मार्ग से अजगैबीनाथ धाम (देवघर) के रवाना होते हैं. इस दौरान कई कावंड़िया थकान मिटाने के नाम पर प्रतिबंधित गांजा का सेवन (Kanwadiya Is Consuming Ganja In Shravani Mela) करते हैं. जबकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी (liquor ban In bihar ) है और नशा के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.

देवघर के लिए सुल्तानगंज जाते हैं कांवड़ियाः सुल्तानगंज से देवघर तक के 105 किलोमीटर इलाके में कई जगहों पर चोरी झुपे गांजा धड़ल्ले से बिक रहा है. वैशाली से करीब 30 लोगों के कांवरियों की टोली के साथ अजगैबीनाथ से देवघर जा रहे अमन कुमार नामक कांवड़िया ने बताया कि बाबा भोलेनाथ हमलोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. थकान मिटाने के लिए हम लोग नशा का सेवन करते हैं. वहीं कई लोगों का आरोप है कि इतने बड़े पैमाने पर गांजा की बिक्री बिना प्रशासन के मिली भगत से संभव नहीं है.
105 किमी की पैदल यात्रा : देवघर में बाबा वैद्यनाथ को जो जल अर्पित किया जाता है, उसे शिव भक्त भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बहने वाली उत्तर वाहिनी गंगा से भरकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ को अर्पित करते हैं. कांवरिया बोल बम का मंत्र जाप करते हुए 86 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सबसे पहले झारखंड की सीमा दुम्मा में प्रवेश करते हैं. यहां से दस किमी शिवगंगा और नौ करीब नौ किमी की रूट लाइन. इस तरह कुछ 105 किमी की दूरी तय कर कांवरिया बाबा पर जल अर्पण करते हैं.
14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा मेला: बता दें कि इस बार श्रावणी मेला 14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा. 2019 में आखिरी बार श्रावणी मेला लगा था. 2019 के श्रावणी मेले में एक माह के दौरान करीब 55 लाख श्रद्धालु सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर पैदल बाबाधाम गए थे. ऐसे में इस बार हर साल की तुलना डेढ़ गुना से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की उम्मीद है. इस कारण दोनों राज्यों के प्रशासन को तैयारी दोगुनी रखनी होगी.


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