रोहतास न्यूज़: शहर के अंदर सोची-समझी साजिश के तहत तनाव पैदा किया गया. धार्मिक जुलूस के दौरान मार्ग में एक-दो जगह लोग जत्थे में खड़े थे व नारा लगा रहे थे. जुलूस के दौरान पुलिस की तैनाती ठीक ढंग से नहीं की गई थी. ताकि, कोई मामला हो और गृह मंत्री नहीं आ सकें. इस सोची समझी साजिश के तहत शहर के अंदर तनाव कराया गया.
भ्रम फैलाया गया. प्रशासनिक को-ऑडिनेशन का हाल मैने एक वीडियो में देखा. वीडियो में एक थाना प्रभारी माइक से प्रचार कर रहा है कि 144 लगा है. आप सभी अपने घरों में चले जाइए. उसके बाद फिर प्रशासन ने कहा कि कोई 144 नहीं लगी है. उक्त बातें शहर के अतिथि गृह में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कही. वे विगत दिनों धार्मिक जुलूस के बाद शहर में हुई हिंसा के मामले में पुलिसिया कार्रवाई झेल रहे भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद जानकारी साझा कर रहे थे. कहा कि घटना के दौरान जहां गोली लगने युवक की मौत हुई थी, वहां गया था. जानकारी मिली कि जिसे गोली लगी थी, उसके बारे में प्रचार किया गया कि पत्थर लगी है. पांच दिन के बाद उसकी मौत हो गई. मामले में उसी के मौसा को पकड़कर जेल भेज दिया गया. इससे बड़ी झूठ क्या हो सकती है. वहीं घटना के डेढ़ महीने बाद भाजपा के पूर्व विधायक पर जेल भेजा गया. आपके लोगों ने कबूल किया है कि नई संगत गुरुद्वारा में बैठक कर हिंसा भड़काई गई है. जबकि, ऐसी बैठक नहीं हुई थी.
प्रशासन को करीब 40 दिन जवाहर प्रसाद को फंसाने में लग गए. बाद में धारा 302 जुड़वाया गया. कहा घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. ताकि, पता चले कि इसके पीछे कौन है. घटना की शुरुआत कहां से व किन लोगों ने की है. सरकार ने पहले से मन बना लिया था कि बीजेपी को दोषी करार देना है. उसके लोगों को फंसाना है. हमारे कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से पीटा गया. सादे कागज पर दस्तखत लेकर मनगढ़ंत बातें भर दी गयी. मौके पर एमएलसी संतोष कुमार, निवेदिता सिंह, प्रमोद चंद्रवंशी, महामंत्री विजय सिंह, प्यारेलाल ओझा, अशोक साह, मंगलानंद पाठक, पंकज सिंह, प्रणव पांडेय आदि थे.