भोपाल की काउंसलर सरिता राजानी 8 महीने से इस दंपति की काउंसिलिंग कर रही हैं। युवक के माता-पिता ने उनसे संपर्क किया और बेटे के परिवार को टूटने से बचाने के लिए कहा। काउंसलर सरिता ने बताया कि मजाक में उठाए गए एक कदम की वजह से दो परिवारों की जिंदगी बर्बाद होने की कगार पर है। दोनों में कॉलेज टाइम में प्यार हुआ, भागकर शादी की, दिल्ली में दोनों अच्छी जॉब करने लगे, जिंदगी खुशहाल थी... लेकिन पत्नी के कहने पर पति ने जेंडर चेंज कराने का फैसला ले लिया। पत्नी उसे अपने कपड़े पहनाकर लड़की की तरह तैयार कर साथ घुमाने लगी। दो साल चले ट्रीटमेंट के बाद जब पति पूरी तरह लड़की बन गया तो यही दोनों में अनबन की वजह बन गया। बात तलाक तक आ गई है। पति के जेंडर चेंज कराने को आधार बनाकर पत्नी तलाक मांग रही है। पति से कहती है- तुम मुझे बच्चा और दांपत्य सुख नहीं दे सकते हो, मेरे किसी काम के नहीं हो...। जबकि, पत्नी के कहने पर ही पति ने लिंग परिवर्तन कराया था। दोनों ही साथ में डॉक्टर के पास गए थे।
सीनियर एडवोकेट और काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि मानसी अब तलाक चाहती है, जबकि साहिल उसे बहुत प्यार करता है। वह उसके साथ ही रहना चाहता है। वह पुलिस-कोर्ट नहीं जाना चाहता है। समझाने के बाद भी मानसी मन नहीं बदल रही है। वो परिवार से अलग होकर दूसरे शहर में भी साहिल के साथ रहने को तैयार नहीं है। केंद्र सरकार को सरोगेसी की तरह इसे लेकर भी कानून बनाना चाहिए कि कोई भी डॉक्टर के पास जाकर बिना किसी काउंसिलिंग या अपने करीबी या माता-पिता को बताए बिना यह सर्जरी न करा पाए। डॉक्टर भी अपनी कमाई के कारण बिना किसी समझाइश या काउंसिलिंग कराए ऐसा करने से बचें। नहीं तो आने वाले समय में यह बड़ी समस्या बन जाएगी और कई परिवारों को इसका दर्द झेलना होगा।