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भागलपुर: भीमराव आंबेडकर हॉस्टल का बुरा हाल, समस्याएं बहुत लेकिन समाधान नहीं

Rohit Sharma
5 Jan 2022 8:15 AM GMT
भागलपुर: भीमराव आंबेडकर हॉस्टल का बुरा हाल, समस्याएं बहुत लेकिन समाधान नहीं
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बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर आवासीय उच्च विद्यालय कंपनी बाग के छात्रावास के अधिकतर कमरों के शीशे टूटे हुए हैं। इस कड़ाके की ठंड में बच्चे किसी तरह कमरे में रात गुजारते हैं। यह स्थिति लंबे समय से है। कई अधिकारी आये आश्वासन दिये, लेकिन आज तक शीशा नहीं लगा और बच्चे इसी में रहने को मजबूर हैं।

ये बातें उस समय सामने आई जब छात्रों के कलेक्ट्रेट में हंगामे के बाद एसडीएम धनंजय कुमार और एएसडीएम अनु कुमारी छात्रावास की जांच करने पहुंचे। एक सौ छात्रों के एक छात्रावास में 400 बच्चे रहते हैं। जबकि 10 कमरे के इस छात्रावास में मात्र 100 बेड है। दो मंजिले बेड वाले कुछ कमरे तो ऐसे हैं कि एक कमरे में 15 से 20 छात्र तक रहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, सफाई नहीं होने के कारण कमरे में घुसने पर काफी बदबू आ रही थी। पीछे सीवर का पानी भी बह रहा था।

एक से 12 के छात्रों के लिए सिर्फ पांच कमरे

एक से बारहवीं तक के छात्रावास में बच्चों की पढ़ाई के लिए सिर्फ पांच कमरे हैं। कक्षा एक से तीन के बच्चे जिस हॉल में खाते हैं, वहीं पर पढ़ाई भी करते हैं। जबकि चौथी से 10वीं तक के बच्चे इसी पांच कमरे में पढ़ाई करते हैं। जगह कम होने के कारण कुछ कक्षा के छात्रों को बरामदे में बिठाया जाता है।

12वीं के छात्रों का साल में एक भी कक्षा नहीं होती है। छात्रों ने बताया कि शिक्षक नहीं होने के कारण आज तक इंटरमीडिएट की कोई भी कक्षाएं नहीं की हैं। छात्रों ने बताया कि वे लोग ट्यूशन और कोचिंग में जाकर ही पढ़ाई करते हैं। जो कुछ समझ में आता है, उसी अनुसार पूरे साल की पढ़ाई कर परीक्षा देते हैं।

10 साल से नहीं खुला कंप्यूटर रूम

छात्रों ने बताया कि 10 साल से कंप्यूटर रूम नहीं खुला है। जबकि इसमें करीब दो दर्जन से अधिक कंप्यूटर रखे हुए हैं। वही लैबोरेट्री का कभी भी उपयोग नहीं होता है। इन दोनों कमरों में ताला लगे हुए थे। जो एसडीओ के पहुंचने के बाद फुल कर दिखाया गया।

मेन्यू से खाना नहीं

छात्रों ने बताया कि दोनों समय सिर्फ चावल, दाल और सब्जी ही मिलती है और नाश्ते में मूढ़ी और चना। कभी भी रोटी नहीं मिलती है। जबकि मेन्यू में काफी चीजें लिखी हुई हैं। छात्रों ने एसडीएम और एएसडीएम को किचन में ले जाकर सारी जानकारी दी। एसडीएम ने वहां प्रधानाचार्य और मेस के इंचार्ज से पूछा तो उन्होंने बताया कि 2300 रुपये प्रति छात्र प्रति महीने मिलता है। इसमें पूरा मेन्यू नहीं दिया जा सकता है।

वहीं मेन्यू को लेकर कक्षा नौ से 12वीं के दो-दो छात्रों की कमेटी ने अपने अनुसार मेन्यू बनाया है, जिसके अनुसार खाना दिया जाता है। सफाई को भी लेकर छात्रों ने काफी शिकायत की। छात्रों ने करीब दो घंटे तक पूरे विद्यालय और छात्रावास को घुमाकर समस्या बताई। जानकारी हो कि ये छात्र समस्याओं को लेकर पहले भी हंगामा कर चुके हैं।

सिर्फ अधिकारी जांच करते हैं और आश्वासन दे देते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं होता है। पिछले दिनों डीएम साहब भी आये थे, लेकिम कुछ नहीं हुआ। छात्र आदर्श ने कहा कि कई बार कहा गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं होता। वहीं बिट्टू ने कहा कि यहां का खाना अच्छा नहीं लगता है, लेकिन मजबूरन खाना पड़ता है।

प्रधानाचार्य अंशु अमन ने कहा, '37 शिक्षकों की जगह है, लेकिन यहां मात्र 10 शिक्षक हैं। इंटर में एक भी शिक्षक नहीं हैं। कंप्यूटर कमरा के लिए जिला कल्याण पदाधिकारी को सूचित किया गया है। वहीं इतनी कम राशि में पूरा मेन्यू संभव नहीं हो पाता। कई बार रोटी देनी शुरू की गई, लेकिन यह व्यवस्था कुछ ही दिन चल पायी। समय-समय पर परेशानियों से विभाग को सूचित किया गया है। वहीं मैंने भी विभाग को लिखकर दिया है कि अनुभव की कमी के कारण और जूनियर शिक्षक होने के नाते मुझसे यह प्रभार वापस ले लेने को कहा गया है।'

भागलपुर के एसडीएम धनंजय कुमार ने कहा, 'यहां कई समस्याएं हैं। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। शीशा वाले को तुरंत बुलाकर नपाई कराई गई है। एक दो दिन में लग जायेगा। मेन्यू में गड़बड़ी की जांच के लिए कमेटी गठित की जायेगी और दोषी पर प्राथमिकी भी दर्ज होगी। जहां तक संसाधान की बात है तो उसके लिए विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। शिक्षक भवन की समस्या दूर हो जाएगा। जिलाधिकारी पिछले दिनों आये थे और देखने के बाद आगे निर्देश दिया था, लेकिन उसकी पालन क्यों नहीं हुई उसे भी देख रहा हूं और पूरी रिपोर्ट सौंपूंगा।'

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