लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीबीएयू में पांच साल पहले संविदा पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफसरों की संविदा बढ़ाने के एवज में पचास-पचास हजार रुपये की कथित रिश्वत लेने के आरोपी प्रो. विपिन सक्सेना को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है. न्यायालय ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा दी गई अभियेाजन स्वीकृति को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने प्रो. विपिन सक्सेना की याचिका पर पारित किया. प्रो. सक्सेना 2011 से बीबीएयू में कार्यरत थे, 2017 में विश्वविद्यालय के एक स्टाफ व सह-अभियुक्त विजय कुमार द्विवेदी ने वहां कार्यरत संविदा पर तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर वेद कुमार से पचास हजार रुपये की मांग की. सीबीआई ने विजय द्विवेदी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. जांच में प्रो. सक्सेना की भी संलिप्तता सामने आई. उन्हीं के कहने पर पचास-पचास हजार वसूले थे.
एजेंट की मौत में मैनेजर गिरफ्तार
बंधन बैंक की कलेक्शन एजेंट को खुदकुशी के लिए विवश करने के आरोपी एरिया ब्रांच मैनेजर पवन अवस्थी को सरोजनीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने कलेक्शन एजेंट की आपत्तिजनक वीडियो उसके मंगेतर को भेजी थी. इस कारण रिश्ता टूट गया था.
इंस्पेक्टर शैलेंद्र गिरि ने बताया कि सुबह न्यू गुड़ौरा के पास से लखीमपुर फरधान निवासी पवन अवस्थी को गिरफ्तार किया गया.
इंस्पेक्टर ने बताया कि मृतका के भाई ने बैंक मैनेजर आशीष मिश्रा आरओ निधि, पिंकी कश्यप, अर्जुन यादव, रोशन लाल, विवेक शर्मा, आतिफ खान, विनोद कुमार और आरई नरेंद्र कुमार हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप साबित नहीं होने पर सभी का नाम मुकदमे से हटाया जाएगा. वहीं, मुकदमे में हत्या की धारा हटा कर आत्महत्या की धारा बढ़ाई गई है.