असम

SC ने 'कवच' के कार्यान्वयन के लिए भारतीय रेल की सराहना की पू. सी. रेलवे में HDN और HUN मार्ग 'कवच' के लिए चिन्हित

Gulabi Jagat
17 April 2024 11:13 AM GMT
SC ने कवच के कार्यान्वयन के लिए भारतीय रेल की सराहना की पू. सी. रेलवे में HDN और HUN मार्ग कवच के लिए चिन्हित
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हाफलोंग : भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल, 2024 को ट्रेनों में स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली- 'कवच' के कार्यान्वयन के लिए भारतीय रेल के पहल की सराहना की। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि भारत संघ/भारतीय रेल ने ट्रेनों में टक्कर-रोधी प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं- जैसे संरक्षा प्रणाली की स्थापना, पटरियों की गुणवत्ता में सुधार, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और संवेदनशीलता, कवच प्रणाली के अनुरक्षण प्रथाओं और कार्यान्वयन।
'कवच' - ट्रेनों के परिचालन में संरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा विकसित एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है। यह सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल-4 मानकों की एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है। कवच का उद्देश्य ट्रेनों को खतरे (लाल) का सिग्नल पार करने से रोकने और टकराव से बचने के लिए सुरक्षा प्रदान करना है। यदि चालक गति प्रतिबंधों के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है, तो यह स्वचालित रूप से ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को सक्रिय कर देता है। इसके अलावा, यह कार्यात्मक कवच प्रणाली से सुसज्जित दो रेल इंजनों के बीच टकराव को रोकता है। 'कवच' सबसे सस्ती, सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 (एसआईएल-4) प्रमाणित प्रौद्योगिकियों में से एक है, जिसमें त्रुटि की संभावना 10,000 वर्षों में 1 है। साथ ही, यह रेलवे के लिए इस स्वदेशी तकनीक के निर्यात के रास्ते भी खोलता है। रेल यातायात का अधिकतम भाग भारतीय रेलवे के उच्च घनत्व नेटवर्क (एचडीएन) और अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क (एचयूएन) मार्गों पर किया जाता है। इस यातायात को सुरक्षित रूप से परिवहन करने के लिए, कवच कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर केंद्रित तरीके से किया जा रहा है। कवच के कार्यान्वयन के लिए पू. सी. रेलवे में उच्च घनत्व नेटवर्क (एचडीएन) और अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क (एचयूएन) मार्गों की पहचान की गई है। इस स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली को मालदा टाउन से डिब्रुगढ़ तक लगभग 1966 रूट किलोमीटर क्षेत्र में चालू करने की योजना बनाई गई है।
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