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जरूर घूमने जाएं काजीरंगा राष्ट्रीय उद्या
आज हम आपको पूर्वोत्तर राज्य असम में बने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की सैर कराएंगे। इस जगह को गैंडे की भूमि भी कहा जाता है। यहां दुनिया में एक सींग वाले गैंड की पूरी आबादी का 60 फीसदी यहीं है। यह असम का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान भी है। यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया है। घूमने के लिहाज से यह उद्यान बहुत ही शानदार है। यहां की हरियाली और तरह-तरह के पशु-पक्षी लोगों का मन मोह लेते हैं।
यहां एक सींग वाले गेंडे के अलावा हाथी, भारतीय भैंसा, हिरण, सांभर, भालू, बाघ, चीते, सूअर, बिल्ली, जंगली बिल्ली, हॉग बैजर आदि पाए जाते हैं। यहां अनेक प्रकार की चिड़िया जैसे पेलीकन, बत्तख, कलहंस, हॉर्नबिल, आइबिस, जलकाक, अगरेट, बगुला, काली गर्दन वाले स्टॉर्क, लेसर एडजुलेंट आदि पाई जाती हैं। साल 2005 में यह उद्यान 100 वर्ष का हो गया था। भारत में विभिन्न पक्षियों और जीवों का अद्भुत नजारा देखने के लिए काजीरंगा विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां घूमने आए गोवा के आशीष सैम्यूल्स का कहना है कि अगर आप नेचर को करीब से देखना चाहते हैं तो आपको इस जगह पर जरूर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक सींग वाले गेंड को देखकर ही उनका टूर पूरा हो गया। इस राष्ट्रीय उद्यान में ऐसे अनोखे अनोखे पशु और पक्षी हैं, जिनकी तस्वीरें उन्होंने अभी तक गूगल पर ही देखी थी। आशीष का कहना है कि हमें नेचर के साथ संतुलन बनाकर रखना चाहिए और इस दिशा में असम की सरकार काफी अच्छा काम कर रही है।
विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान प्राचीन मंदिरों, शुद्ध पानी के झरनों और हरे-भरे चाय के बागानों से घिरा हुआ है। इस उद्यान को भारतीय बाघों का घर भी कहा जाता है। यहां आने वाले पर्यटकों को अलग ही आनंद की अनुभूति होती है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान गुवाहाटी से 250 किलोमीटर पूर्व और जोरहट से 97 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यहां से नजदीकी रेल सेवा 75 किलोमीटर दूर है। काजीरंगा जाने के लिए आपको नियमित रूप से चलने वाली राज्य सरकार की बसें भी मिल जाएंगी या फिर आप टैक्सी बुक करके भी आ सकते हैं। घूमने के शौकीन और पशु-पक्षियों के प्रेमी लोगों को यहां एक बार जरूर आना चाहिए।
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