असम

भारत में ही करना चाहते हैं जन्नत की सैर, तो यहां जाएं

Gulabi
25 Dec 2021 4:39 PM GMT
भारत में ही करना चाहते हैं जन्नत की सैर, तो यहां जाएं
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घूमने का शौक रखने वाले लोग हर पल एक ऐसे डेस्टिनेशन की तलाश करते हैं
घूमने का शौक रखने वाले लोग हर पल एक ऐसे डेस्टिनेशन की तलाश करते हैं जहां जाकर उनका दिन अच्छा बीते और जो बजट में भी रहे। आज हम आपके लिए असम की खूबसूरत जगह माजुली (majuli island) के बारे में बता रहे हैं, जहां जाकर आप अपने दिन को खुशनुमान बना सकते हैं। माजुली बहुत सारी आदिवासी जातियों का घर है। यहां के स्थानीय लोग बहुत ही सरल जीवन जीते हैं। अगर आप यहां घूमने आने वाले हैं तो यहां के स्थानीय लोगों से मिलें और उनकी संस्कृति, भाषा और जीवन के बारे में सुनें और सीखें। असम की जीवन शैली और संस्कृति बहुत ही रंगीन है। अगर आप पक्षी प्रेमी हैं तो माजुली द्वीप (majuli island) आपके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है। ये द्वीप देश-विदेश से भ्रमण करने आई अनोखे पक्षियों के लिए जाना जाता है। हर साल बहुत से प्रावसी पक्षी माजुली में कुछ समय बिताने चले आते हैं। यहां घूमने आए राजस्थान जोधपुर के विवके शर्मा ने कहा कि असम अपने आप में बेहद खूबसूरत जगह है, वहीं माजुली इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती है। उन्होंने कहा कि यहां की संस्कृति राजस्थान से बिल्कुल अलग है, लेकिन यहां के लोग इतने अच्छे हैं कि लगता ही नहीं कि हम अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर हैं।


आपको माजुली में जीवंत संस्कृति देखने को मिलेगी। आप जब यहां आएंगे तो आप ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) में बोट राइड यानि नौका विहार कर सकते हैं। इसके अलावा माजुली में आप कयाकिंग और पैरासेलिंग (parasailing in majuli island) भी कर सकते हैं। असम की संस्कृति के बारे में अच्छी तरह से जान सकते हैं। अगर आप फिशिंग के शौकीन हैं तो आप मछली पकड़ने ब्रह्मपुत्र नदी में जा सकते हैं। माजुली में आप साइकिल चलाने का मजा भी उठा सकते हैं। आप यहां जायकों का मजा लें। आप यहां मिट्टी के बर्तन बनाने की भी कला सीख सकते हैं। माजुली द्वीप गुवाहाटी (Guwahati) से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है और जोरहाट नाम की जगह से माजुली द्वीप बीस किलोमीटर की दूरी पर है तो जोरहाट या गुवाहाटी से आप नीमती घाट के लिए टैक्सी ले सकते हैं। वहीं माजुली द्वीप घूमने आए भुवनेश्वर के कृष्णा गोपाल का कहना है कि यहां आकर मन को काफी सुकून मिला है। यहां का मौसम बेहद सुहाना है। यहां लाकर ऐसा लगा कि प्रकृति को हम बेहद करीब से देख रहे हैं। माजुली में फिशिंग का शौक पूरा करने वाले कृष्णा गोपाल कहते हैं कि असम सरकार ने अपने पर्यटन स्थलों पर बेहद ध्यान दिया है और यही वजह है कि यहां दूर दूर से लोग खिंचे चले आते हैं।


वहां से आगे आपको फेरी ले कर जाना होगा। इसके साथ ही असम की राजधानी गुवाहाटी (Guwahati) से करीब 360 किलोमीटर दूर स्थित शिवसागर, जहां अहोम राजाओं की निशानियां हर ओर बिखरी हुई दिख जाती हैं। ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी दिखू के किनारे स्थित इस स्थान की कुदरती खूबसूरती अभी भी अनछुई है मतलब यहां पर्यटकों की भीड़ उतनी नहीं पहुंचती, जितनी किसी आम चर्चित पर्यटन स्थलों में पहुंचती है। शायद यही वजह है कि इनकी खूबसूरती आज भी बरकरार है।
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