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मदरसों पर असम सरकार की बुलडोजर कार्रवाई जारी है। खबर है कि आतंकवादी संगठन अल-कायदा से तार जुड़े होने के चलते ये कार्रवाई की जा रही हैं।
मदरसों पर असम सरकार की बुलडोजर कार्रवाई जारी है। खबर है कि आतंकवादी संगठन अल-कायदा से तार जुड़े होने के चलते ये कार्रवाई की जा रही हैं। बुधवार को भी बोंगईगांव में सरकार एक मदरसा को ढहा दिया। इससे पहले सोमवार और अगस्त की शुरुआत में भी मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। खास बात है कि आतंकवादियों से कथित कनेक्शन के चलते मार्च से अब तक 37 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। अब सवाल उठता है कि इस आतंकवादी संगठन ने भारत को पूर्वोत्तर राज्य स्थित मदरसों में अपनी जड़ें कैसे मजबूत कर लीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर 2014 में अल-कायदा के प्रमुख रहे आयमान अल-जवाहिरी ने कैलिफेट यानी खलीफा की सरकार का नया क्षेत्र स्थापित करने के लिए भारत, बांग्लादेश और म्यांमार में जिहाद के लिए कैदत अल-जिहाद का ऐलान किया था। जवाहिरी ने कश्मीर, गुजरात और असम को अल-कायदा की गतिविधियों की खास जगहों के तौर पर बताया था।
असम में एक और मदरसा पर चला बुलडोजर, अब तक सरकार ने 3 ढहाए
तब से ही असम से आने वाली टेरर रिपोर्ट्स में अल-कायदा का जिक्र मिलता रहा है। बीते साल अक्टूबर से सभी सुरक्षा एजेंसियां अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट यानी AQIS और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम यानी ABT की तरफ से असम में मिलने वाली धमकियों पर सतर्क हो गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अल जवाहिरी की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया था, जिसमें वह अपने समर्थकों से लक्ष्य पूरा करने के लिए असम में 'हिजराह' करने के लिए कह रहा था। इसका पता जुलाई में चला जब पुलिस ने AQIS मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था और 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। खबर है कि अमेरिकी हमले में मारे जाने के कुछ दिन पहले ही जवाहिरी ने वह वीडियो जारी किया था।
लगातार हो रही गिरफ्तारियों के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि असम इस्लामिक कट्टरपंथियों का गढ़ बन चुका है। खबर है कि एक ओर जहां AQIS/ABT असम के निजी मदरसों को निशाना बना रहे हैं, तो पुलिस ने भी इन संस्थानों की तरफ निगरानी बढ़ा दी है।
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