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असम की हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार मुस्लिम और इन 6 धर्मों के पारसी को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट जारी करेगी

Nidhi Markaam
30 May 2022 7:01 AM GMT
असम की हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार मुस्लिम और इन 6 धर्मों के पारसी को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट जारी करेगी
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असम की हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट जारी करेगी

Assam Minority Certificate: असम में अल्पसंख्यकों को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. असम सरकार में मंत्री केशब महंता ने इस बात की जानकारी दी. रविवार को मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कैबिनेट मीटिंग की थी. इसी मीटिंग में अल्पसंख्यकों को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट जारी करने का फैसला लिया गया.

मीटिंग के बाद केशब महंता ने बताया कि मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

उन्होंने दावा किया कि ये पहली बार है जब अल्पसंख्यकों को इस तरह के सर्टिफिकेट दिए जाएंगे. इससे पहले किसी राज्य में ऐसे सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने बताया कि इसकी रूपरेखा पर अभी काम चल रहा है.

लेकिन क्यों?

ऐसे में सवाल ये उठता है कि असम में अल्पसंख्यकों को ये सर्टिफिकेट क्यों दिए जाएंगे? इसका जवाब भी केशब महंता ने दिया है. उन्होंने बताया कि इससे अल्पसंख्यकों की पहचान करने में मदद मिलेगी.ये 6

धर्म ही अल्पसंख्यक क्यों?

- अल्पसंख्यक कौन होगा? इसका फैसला केंद्र सरकार करती है. अल्पसंख्यक वो समुदाय होता है, जिसे केंद्र सरकार अधिसूचित करती है.

- केंद्र सरकार ने 1993 में मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी और बौद्ध को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया था. 2014 में जैन धर्म को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया. अभी इन 6 धर्मों के लोगों को ही अल्पसंख्यकों का दर्जा दिया गया है.

- भारत में अल्पसंख्यक की कोई परिभाषा नहीं है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में केंद्र ने बताया था कि किसी राज्य में अगर किसी धर्म या भाषा के आधार पर लोगों की आबादी 50% से कम है, तो उसे अल्पसंख्यक माना जाएगा.

- भारत के संविधान में अनुच्छेद 29 और अनुच्छेद 30 में उन लोगों के लिए कुछ खास प्रावधान किए गए हैं जो भाषा और धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक की श्रेणी में आते हैं.

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