जनता से रिश्ता वेबडेस्क : गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि असम में विदेशी न्यायाधिकरण अगर किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिक घोषित करता है तो न्यायाधिकरण में उसके खिलाफ दूसरी बार मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है और न ही उसे विदेशी घोषित किया जा सकता है।न्यायमूर्ति एन कोटिसवारा सिंह और न्यायमूर्ति मालाश्री नंदी की खंडपीठ ने हाल ही में 12 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। खंडपीठ ने कहा कि 'रेस ज्यूडिकाटा' का सिद्धांत (किसी विषय पर अंतिम निर्णय दिए जाने के बाद मामला संबंधित पक्षों द्वारा दोबारा नहीं उठाया जा सकता) राज्य में विदेशी न्यायाधिकरणों (एफटी) पर भी लागू होता है।उच्च न्यायालय ने कहा कि उसके समक्ष दायर कई रिट याचिकाओं में जो चीज समान है, वह है 'रेस ज्यूडिकाटा' के सिद्धांत की प्रासंगिकता। याचिकाकर्ताओं ने अब्दुल कुद्दुस के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए दलील दी कि विदेशी न्यायाधिकरण के समक्ष बाद की कार्यवाही 'रेस ज्यूडिकाटा' के सिद्धांत के प्रतिकूल है।