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उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने अब तक अपने प्रचार अभियान के तहत दिल्ली, कर्नाटक और असम के मुख्यमंत्रियों से संपर्क किया है। इससे पहले अल्वा ने केजरीवाल से मुलाकात कर समर्थन मांगा था। उन्होंने क्रमश असम और कर्नाटक के भाजपा मुख्यमंत्रियों हिमंत बिस्वा सरमा और बसवराज बोम्मई से भी बात की है।
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि अल्वा ने रविवार को 1, पंडित रविशंकर शुक्ल लेन में अपने प्रचार कार्यालय का कार्यभार संभाला। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने का कि @alva_margaret ने आज 1, पंडित रविशंकर शुक्ला लेन में अपने अभियान कार्यालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने अपने उपराष्ट्रपति अभियान के तहत सीएम असम, सीएम कर्नाटक और सीएम दिल्ली से बात की। रमेश के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने कहा कि उन्होंने अल्वा से बात की, लेकिन उनसे कहा कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में उनकी कोई भूमिका नहीं है। सरमा ने ट्विटर पर रमेश की पोस्ट को टैग करते हुए कहा, श्रीमती @alva_margaret ने आज सुबह मुझसे बात की। मैंने विनम्रता से उनसे कहा कि मैं निर्वाचक मंडल का सदस्य नहीं हूं। ऐसे में भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में मेरी कोई भूमिका नहीं है। अल्वा ने सरमा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह जानती हैं कि इलेक्टोरल कॉलेज क्या होता है और उन्होंने एक पुराने दोस्त के साथ अच्छी बातचीत की।
आम आदमी पार्टी (आप) ने बैठक के बाद एक बयान में कहा कि शनिवार को अपनी बैठक के दौरान अल्वा और केजरीवाल ने देश के मौजूदा राजनीतिक माहौल पर भी चर्चा की। केजरीवाल पिछले रविवार को राकांपा नेता शरद पवार के आवास पर हुई 17 विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जिसमें अल्वा की उम्मीदवारी पर फैसला किया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे मिस कर दिया था। अल्वा को विपक्ष ने सत्तारूढ़ एनडीए के जगदीप धनखड़ के खिलाफ खड़ा किया है।ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह चुनाव से दूर रहेगी।
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