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कांग्रेस असम की बराक घाटी से करने जा रही है 'हाथे हाथ धोरो' पदयात्रा

Admin Delhi 1
1 Jan 2023 8:24 AM GMT
कांग्रेस असम की बराक घाटी से करने जा रही है हाथे हाथ धोरो पदयात्रा
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दिसपुर: कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने शनिवार को कहा कि असम की बराक घाटी में कांग्रेस 28 जनवरी को 'हाथे हाथ धोरो' (एक-दूसरे का हाथ थामो) पदयात्रा शुरू करेगी। नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया ने कहा कि दक्षिणी असम क्षेत्र की सीमा से लगे मिजोरम के कांग्रेस नेता भी दोनों राज्यों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए पदयात्रा में भाग लेंगे।

यह कार्यक्रम असम-मिजोरम अंतरराज्यीय सीमा के पास कछार जिले के धोलाई से शुरू होगा और 10 फरवरी को भारत-बांग्लादेश सीमा पर करीमगंज के मालेगढ़ में समाप्त होगा। आपको बता दें कि यह 165 किलोमीटर की पदयात्रा क्षेत्र के तीन जिलों में सभी 15 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेगी। इस पर बोलते हुए बोरा ने कहा कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता रोजाना 11 किलोमीटर पैदल चलेंगे।

असम सरकार ने चार जिलों को चार अन्य जिलों में मिलाया: इससे पहले असम सरकार ने शनिवार को चार जिलों को चार अन्य जिलों में मिलाने और कुछ गांवों के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में बदलाव करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने यह कदम प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्निर्धारण पर निर्वाचन आयोग द्वारा रोक लागू करने से एक दिन पहले उठाया है। असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि असम, उसके समाज और प्रशासनिक आवश्यकताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय भारी मन से लिए गए हैं।

असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने क्या कहा है: इस पर बोलते हुए असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि यह केवल "अस्थायी" है और इसके पीछे के कारण का खुलासा नहीं किया है। हेमंत विश्व शर्मा ने कहा, ''इस फैसले के तहत बिश्वनाथ जिले को सोनितपुर में मिला दिया जाएगा, होजई को नागांव में मिला दिया जाएगा, बजाली को बारपेटा में और तमुलपुर को बक्सा में मिला दिया जाएगा।''

आपको बता दें कि यह फैसले शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए क्योंकि निर्वाचन आयोग ने एक जनवरी 2023 से असम में नयी प्रशासनिक इकाइयां बनाने पर रोक लगा दी है। निर्वाचन आयोग की ओर से जल्द ही राज्य में परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ गांवों और कुछ कस्बों के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में भी बदलाव किया गया है।

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