मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उल्फा-आई से हिंसा छोड़ने की अपील की
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा-आई से हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने की अपील की। यहां गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उल्फा-आई बातचीत करता है तो असम 'शांति के टापू' में तब्दील हो जाएगा।
उन्होंने कहा, "बातचीत में उल्फा-आई का शामिल होना शांति के रास्ते पर हमारा आखिरी पड़ाव है।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि असम ने अपने विकास के रास्ते में बहुत बदलाव देखे हैं और जब उल्फा-आई का गठन हुआ था तब की तुलना में अब स्थिति बहुत अलग है।
उन्होंने कहा, आज असम तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। राज्य में रहने वाले लोगों की अब नई मानसिकता है और उल्फा-आई को यह स्वीकार करना चाहिए।
सरमा ने संगठन को शांति की राह पर लाने का भरोसा भी जताया।
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री ने यहां श्रद्धांजलि कानन में वीरों को नमन किया।
उन्होंने घोषणा की कि राज्य में बुजुर्ग लोगों को वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पहले के 300 रुपए प्रति माह के बजाय अब 1,250 रुपए प्रति माह मिलेंगे।
सरमा ने 500 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट शैक्षणिक संस्थानों में बदलने के लिए राज्य सरकार की 2,000 करोड़ रुपए की पहल का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, आजादी के बाद यह पहली बार है, जब असम सरकार सरकारी कर्मचारियों को अपने फंड से वेतन देने में सक्षम हुई है।