असम

बड़ा खुलासा- असम विधानसभा चुनाव प्रत्याशी की नागरिकता 'संदिग्ध', ऐसे सामने आई बात

Gulabi
23 Dec 2021 4:06 PM GMT
बड़ा खुलासा- असम विधानसभा चुनाव प्रत्याशी की नागरिकता संदिग्ध, ऐसे सामने आई बात
x
असम विधानसभा चुनाव प्रत्याशी की नागरिकता संदिग्ध
गुवाहाटी। पिछले असम विधानसभा चुनाव (assam assembly election) में क्षेत्रीय दल से चुनाव लड़ने वाले एक असफल प्रत्याशी की नागरिकता को पुलिस ने अपनी सत्यापन रिपोर्ट में 'संदिग्ध' करार दिया है। यह रिपोर्ट पुलिस ने पासपोर्ट नवीनीकरण प्रक्रिया के तहत दी है।
राज्य के मूल मिशिंग समुदाय के सदस्य प्रणब डोले (Pranab Dole) ने बताया कि यहां स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर ''उनकी नागरिकता का सबूत''देने को कहा है। डोले ने बताया कि उनका नाम 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) में भी दर्ज था।
उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान डोले ने आंचलिक गण मोर्चा (AGM) के टिकट पर असम गण परिषद (AGP) के अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री अतुल बोरा (Atul Bora) के खिलाफ बोकाखाट से चुनाव लड़ा था और पासपोर्ट कार्यालय से उन्हें सोमवार को नोटिस मिला है। आंचलिक गण मोर्चा कांग्रेस नीत 'महागठबंधन' का हिस्सा था। गोलाघाट में अहम किसान संगठन 'जीपाल कृषक श्रमिक संघ' के वरिष्ठ नेता डोले ने दावा किया कि ''यह उन्हें शांत कराने का हथकंडा है''क्योंकि वह अकसर भाजपा नीत सरकार के खिलाफ बोलते हैं।
उन्होंने दावा किया , ''यह इसलिए हुआ क्योंकि मैं (सरकार के खिलाफ) आलोचनात्मक और मुखर रुख रखता हूं। मैं जन नेता हूं और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं...मुझे निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मैंने चुनाव लड़ा और कड़ी टक्कर दी।'' वह चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे। गौरतलब है कि पासपोर्ट कार्यालय द्वारा डोले को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ''पुलिस सत्यापन रिपोर्ट के मुताबिक उनकी नागरिकता संदिग्ध' है। डोले ने इस साल सात अप्रैल को पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन किया था।
इस मामले पर जब गोलाघाट के पुलिस अधीक्षक सुमित शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है।
इस मामले पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रक्रिया दी है। एआईयूडीएफ विधायक अशराफुल हुसैन ने आरोप लगाया कि डोले का उत्पीड़न करने के लिए ''सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है।''
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता बबीता शर्मा ने ट्वीट किया, '' कैसे डोले उपनाम के व्यक्ति की नागरिकता संदिग्ध हो सकती है? वह मिशिंग जातीय समुदाय के हैं। वह ब्रह्मपुत्र हैं। इससे ज्यादा कुछ भी शर्मनाक नहीं हो सकता है।''
उल्लेखनीय है कि मिशिंग असम का स्थानीय समुदाय है और वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में इनकी आबादी सात लाख है।
Next Story