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असम न्यूज़
ASSAM : गुवाहाटी। असम की राजधानी गुवाहाटी में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 'वर्ल्ड इज योर' ड्रग की करीब 50 हजार गोलियां बरामद की हैं। पुलिस के तरफ से की गई इस कार्रवाई की जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने अपने ट्वीटर हैंडल से साझा की है।
ट्वीट में सरमा ने नशे के खिलाफ प्रदेश सरकार के सख्त रवैए को जाहिर करते हुए लिखा है कि, "असम किसी भी तरह की नशीली दवाओं के सख्त खिलाफ है"। हम प्रदेश के युवाओं को ड्रग्स के शिकंजे में फसने के बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम हर हाल में ये जिम्मेदारी निभाएंगे।
ट्वीट में आगे सरमा ने बताया की, पुलिस के तरफ से वक्त पर की गई कार्रवाई के चलते ही ये बड़ी सफलता हाथ लगी है। गुवाहाटी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 'वर्ल्ड इज योर' ड्रग की करीब 50 हजार गोलियां बरामद की हैं। गौरतलब है कि, प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से ही सीएम सरमा (CM sarma) की पहल के तहत असम पुलिस (assam police) राज्य में ड्रग सिंडिकेट को खत्म करने की कवायद में जुटी है और लगातार बड़ी छापेमार कार्रवाईयों को अंजाम दे रही है।
#AssamAgainstDrugs
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 24, 2021
Another major drug haul by @assampolice.
The timely interception by @GuwahatiPol has led to successful recovery of 50,000 'World is Yours' tablets. We shall not allow our youth to get trapped by the drugs menace.@DGPAssamPolice pic.twitter.com/JpwRGLEAkH
आपको बता दें, बीते दिनों पुलिस ने कार्रवाई करते हुए असम राइफल्स के तीन जवानों समेत एक अन्य व्यक्ति को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपियों को डिब्रूगढ़ शहर के जोकई इलाके से ड्रग्स की एक खेप ले वक्त गिरफ्तार किया गया था। तस्करों के पास से करीब 269 ग्राम हेरोइन बरामद की गई थी, जिसकी कीमत लाखों में है। आरोपी दीमापुर से तिनसुकिया जाते वक्त गिरफ्तार किए गए थे।पुलिस द्वारा जब्त की गई ड्रग्स की गोलियों को आमतौर पर "WY या वर्ल्ड इज योर'' के नाम से जाना जाता है। इस ड्रग्स को बनाने के लिए मुख्य रूप से कैफीन का इस्तेमाल किया जाता है। जानकारों की माने तो इन मेथामफेटामाइन की गोलियों का सेवन बेहद ही हानिकारक होता है। यह ड्रग सीधे आपके कार्डियो वैस्कुलर और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और इस सेवन एम्फ़ैटेमिन की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक है। इन नशीली गोलियों का सेवन सूंघा कर, निगल कर या सीधे इंजेक्ट करके होता है। अगर इस ड्रग के उत्पादन की बात करें, तो भारत का पड़ोसी देश म्यांमार इन गोलियों का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसे मणिपुर की सीमाओं से तस्करी करके भारत लाया जाता है।
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