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गुवाहाटी। भारत सरकार के सभी विकासात्मक एजेंडे में पूर्वोत्तर क्षेत्र का विशेष स्थान है। भारतीय रेल परिवहन के बेहतर साधनों के माध्यम से इस क्षेत्र के परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए भैइरबी-साईरंग नई रेल लाइन परियोजना एक ऐसी परियोजना है, जिसके जल्द ही पूर्ण होने की संभावना है। एक बार पूर्ण होने के बाद यह परियोजना देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेष रूप से मिजोरम में संचार और वाणिज्य के मामले में एक नए युग की शुरुआत की पहचान बनेगी। भैइरबी-साईरंग परियोजना का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत में अतिरिक्त 51.38 किमी रेलवे ट्रैक बनाना है। पूर्वोत्तर सीमा रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने सोमवार को बताया कि भैइरबी-साईरंग नई रेल लाइन परियोजना में 55 बड़े पुल शामिल हैं, जिसके लिए 42000 एमटी इस्पात तैयार करने, परिवहन और ढांचा तैयार करने के लिए आवश्यक है। पिछले 14 महीनों में रिकॉर्ड 35000 एमटी इस्पात तैयार किये गये और लगभग 30000 एमटी को विभिन्न कार्य स्थलों पर पहुंचाया गया।
विभिन्न पुल स्थलों से होकर पुल स्थलों तक गर्डरों का परिवहन काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य है, जो संकीर्ण पहाड़ी सड़कों के तीव्र मोड़ पर सहायता के लिए ट्रेलरों और भारी मशीनों की चौबीसों घंटे तैनाती के साथ किया जा रहा है। स्टील गर्डरों का ढांचा तैयार करना परियोजना की महत्वपूर्ण गतिविधि है। ठंडी रातों और दूरदराज के क्षेत्रों के बावजूद, प्रगति में तेजी लाने के लिए दिन-रात कार्य किया जा रहा है। हालांकि इस परियोजना के निष्पादन में कई चुनौतियां जैसे बहुत भारी और लंबे समय तक चलने वाले मानसून के कारण बहुत कम कामकाजी मौसम, घने जंगलों से होकर पहाड़ी क्षेत्र और बहुत कठिन, खराब पहुंच, मिजोरम आदि में निर्माण सामग्री और कुशल श्रम की अनुपलब्धता आदि के बावजूद पूर्वोत्तर सीमा रेल इस रेल परियोजना को जल्द से जल्द चालू करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। सभी परियोजना स्थलों पर नाइट शिफ्ट में भी काम चल रहा है। इसके पूरा होने से राज्य और क्षेत्र के पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बहुत जरूरी बढ़ावा मिलेगा। एक बार शुरू होने के बाद यह परियोजना मिजोरम को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस क्षेत्र के लोगों को देश भर में लंबी दूरी की पहुंच मिलेगी और लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मिजोरम को आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति की जा सकेगी।
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