असम
असम : हिमंत बिस्वा सरमा ने 13 साल की बच्ची की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही के आरोप
Shiddhant Shriwas
14 Aug 2022 8:44 AM GMT
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पुलिस की लापरवाही के आरोप
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 13 साल की बच्ची की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही के आरोप पर पुलिस अधीक्षक राजमोहन रे सहित दरांग पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। अतिरिक्त एसपी रूपम फुकन और धुला थाना प्रभारी को भी अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है। सरमा ने ढेकियाजुली में लड़की के परिवार से मिलने के बाद यह आदेश दिया। सरमा ने यात्रा के बाद ट्वीट किया की ढेकियाजुली के प्रजा पत्थर गांव में रहस्यमय परिस्थितियों में मरने वाली एक 13 वर्षीय लड़की के घर का दौरा किया। मामले की जांच में कथित लापरवाही के लिए मामले की एसआईटी जांच और दारांग एसपी, अतिरिक्त एसपी और धूला थाने के ओसी को निलंबित करने का आदेश दिया।
13 वर्षीया लड़की 11 जून को धूला में रहने वाले एक एसएसबी जवान कृष्ण कमल बरुआ के घर पर "फांसी" पर लटकी हुई मृत पाई गई थी, जहां वह घरेलू सहायिका के रूप में कार्यरत थी। परिवार ने आरोप लगाया कि वह लटकी हुई पाई गई थी। एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहती थी। पुलिस ने इसे आत्महत्या के रूप में दर्ज किया और आगे कोई जांच नहीं की गई। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि सरमा के साथ असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत भी थे। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों से बातचीत की और उन आरोपों के बारे में जानकारी ली जो उन्होंने दरांग पुलिस प्रशासन पर लगाए थे। यह आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने घटना के फोटोग्राफिक और वीडियोग्राफिक साक्ष्य एकत्र करने में कर्तव्य की अत्यधिक लापरवाही दिखाई। आगे आरोप लगाया गया है कि धुला थाना प्रभारी ने मृतक के परिजनों पर अप्राकृतिक मौत पर लिखित शिकायत दर्ज न करने का दबाव बनाया था।
डीजीपी महंत ने बताया कि जिला पुलिस ने मामला दर्ज करते समय "मूल बातें भी" का पालन नहीं किया था। उन्होंने कहा की पहले इसे अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया, फिर आत्महत्या के रूप में। लड़की के परिजनों द्वारा हत्या का आरोप लगाने की शिकायत दर्ज कराने के बाद पति और पत्नी दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कोई हिरासत में पूछताछ नहीं की गई।
घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। तीन में से दो सदस्य महिलाएं हैं। राज्य के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन प्रक्रियात्मक खामियां थीं। मुख्यमंत्री जांच को लेकर सहज नहीं थे, इसलिए उन्होंने दौरा किया। निलंबन के बाद असम सरकार ने प्रशांत सैकिया और निरुपम हजारिका को क्रमशः दारंग के एसपी और अतिरिक्त एसपी के रूप में नियुक्त किया।
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