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अनियमित बिक्री अब विशेष रूप से छोटे शहरों में यातायात संबंधी समस्याएं पैदा कर रही है।
बोको: बैटरी चालित रिक्शा या ई-रिक्शा प्रदूषण कम करने और स्थानीय यात्रा को अधिक किफायती बनाने का दावा कर सकते हैं, लेकिन उनकी अनियमित बिक्री अब विशेष रूप से छोटे शहरों में यातायात संबंधी समस्याएं पैदा कर रही है।
सैकड़ों ई-रिक्शा राजमार्ग के माध्यम से बोको आते हैं जिससे बड़े पैमाने पर यातायात जाम होता है। ई-रिक्शा के मैकेनिक अनुपम राभा ने कहा कि बोको में चार दुकानें प्रति माह लगभग 100 ई-रिक्शा बेचती हैं।
समाधान के बारे में पूछे जाने पर कामरूप जिला परिवहन अधिकारी रूपज्योति कलिता ने कहा, “राजमार्गों पर ई-रिक्शा चलाना सख्त वर्जित है। इसीलिए हमने हाल ही में बोको में एक सड़क सुरक्षा जागरूकता बैठक का आयोजन किया। अगर ई-रिक्शा नियम-कायदों को तोड़ना जारी रखते हैं, तो हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।'' उन्होंने कहा कि वह इस मामले को देखने के लिए एक टीम भेजेंगे।
शनिवार को कामरूप जिले के एक प्रवर्तन निरीक्षक, कृष्णकांत पाटगिरी और उनकी टीम ने बोको क्षेत्र का दौरा किया। पाटगिरी ने कहा, “हमने बोको में ई-रिक्शा द्वारा पैदा की गई अराजकता देखी है। लेकिन हम जाम को नियंत्रित करने में विफल रहे।”पाटगिरि ने कहा कि बोको पुलिस स्टेशन में जगह की कमी के कारण उल्लंघनकर्ताओं के रिक्शा को जब्त करना संभव नहीं है।
बोको थाना प्रभारी फणींद्र नाथ ने कहा कि ई-रिक्शा कुछ दिनों तक नियमों का पालन करते हैं लेकिन फिर पुरानी आदत में आ जाते हैं। उन्होंने कहा, "अगर हम उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हैं, तो ई-रिक्शा के चालक आरोप लगाना शुरू कर देते हैं कि असम पुलिस गरीबों और मजदूर वर्ग के खिलाफ क्रूर है।"
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