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असम भाजपा नेता आत्महत्या मामला: एक और संदिग्ध ने किया आत्मसमर्पण

Rani Sahu
18 Aug 2023 9:09 AM GMT
असम भाजपा नेता आत्महत्या मामला: एक और संदिग्ध ने किया आत्मसमर्पण
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गुवाहाटी (आईएएनएस)। असम में भाजपा किसान मोर्चा की सचिव इंद्राणी तहबीलदार की मौत के दूसरे संदिग्ध और पूर्व भाजपा नेता दिबन डेका ने शुक्रवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिबन डेका ने चांदमारी थाने आकर खुद को अधिकारियों के सामने पेश किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, स्थिति सार्वजनिक होने के बाद से डेका छिप गया था। उस पर इंद्राणी तहबिलदार की निजी तस्वीरें जारी करने का आरोप लगाया गया है, जो अंततः उनकी मृत्यु का कारण बनीं।
इंद्राणी और दिबन के बीच हुई टेलीफोन वार्ता वायरल होने के बाद उसने आत्‍मसमर्पण किया। डेका पर इंद्राणी और एक रिया के बीच हुई कॉल के ऑडियो का खुलासा करने का भी आरोप है।
गौरतलब है कि डेका पहले पुलिस भर्ती परीक्षा घोटाले में भी आरोपी था और काफी समय तक जेल में था। उसे पार्टी से भी निकाल दिया गया था।
इस बीच, वरिष्ठ भाजपा विधायक सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने इंद्राणी तहबिलदार की कथित आत्महत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया और राज्य इकाई अध्यक्ष से मामले की गहन जांच करने का आग्रह किया।
एक वायरल टेलीफोन वार्ता में भट्टाचार्य को इंद्राणी और अनुराग चालिहा की अंतरंग तस्वीरें वायरल होने का कारण बताया गया था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता को लिखे पत्र में भट्टाचार्य ने लिखा, “पार्टी कार्यकर्ता की आत्महत्या के मामले में रहस्यमय तरीके से बार-बार मेरा नाम लिया गया है। कुछ टेलीफोनिक बातचीत में, कुछ लोगों ने मामले से बिना किसी संबंध के मेरा नाम लिया है।''
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी को यह बात बताने के बाद स्थिति की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।
दूसरी ओर, मुख्य आरोपी अनुराग चालिहा, जिसे पहले तहसीलदार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, ने पुलिस को बताया कि महिला नेता की अप्राकृतिक मौत के लिए अभिमन्यु दास जिम्मेदार है।
चालिहा के बयान के अनुसार, अभिमन्यु ने कथित तौर पर मेघालय के नोंगपोह इलाके में एक बंद होटल के कमरे में तहबिलदार को शारीरिक और मौखिक रूप से प्रताड़ित किया।
चालिहा ने आगे कहा कि अभिमन्यु ने कथित तौर पर कुछ शक्तिशाली लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए इंद्राणी को अगले लोकसभा चुनाव में बारपेटा निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए मजबूर किया।
इसके अलावा, यह दावा किया गया कि अभिमन्यु ने बारपेटा किसान मोर्चा पर नियंत्रण हासिल करने और इसके अध्यक्ष बनने के लिए जबरदस्ती और अनुनय का इस्तेमाल किया।
चालिहा के कबूलनामे के अनुसार, अभिमन्यु ने इंद्राणी तहबीलदार को धमकी दी कि अगर वह उसके अनुरोधों से सहमत नहीं हुई, तो वह उसकी निजी तस्वीरें दुनिया के सामने उजागर कर देगा। आगे के आरोपों में कहा गया है कि अभिमन्यु इंद्राणी को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करना चाहता था।
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