असम
असम और मिजोरम ने सीमा पर शांति बनाए रखने पर जताई सहमति, जानें उपायुक्तों की बैठक में क्या हुआ
Renuka Sahu
25 Aug 2022 1:02 AM GMT
x
फाइल फोटो
मिजोरम और असम ने अंतरराज्यीय सीमा पर तैनात दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने पर बुधवार को सहमति जताई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मिजोरम और असम ने अंतरराज्यीय सीमा पर तैनात दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने पर बुधवार को सहमति जताई। मिजोरम के वैरेंगटे शहर में सीमा मुद्दे पर चर्चा के लिए पांच सीमावर्ती जिलों के उपायुक्तों की बैठक में यह सहमति बनी। इन जिलों में मिजोरम के कोलासिब और मामित, और असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिले शामिल हैं।
दोनों पक्ष यह सुनिश्चित करने के उपाय करने पर भी सहमत हुए हैं कि सीमा के दोनों ओर के किसान कृषि गतिविधियों को बिना किसी बाधा कर सकें।
9 अगस्त को हुई थी मंत्रिस्तरीय बैठक
9 अगस्त को दोनों राज्यों ने आइजल में मंत्रिस्तरीय बैठक कर सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई थी। दोनों पक्ष हर दो महीने में कम से कम एक बार सीमावर्ती जिलों के उपायुक्तों की बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने असम के अपने समकक्ष हिमंता बिस्व सरमा से फोन पर बात की थी और सीमा विवाद सुलझाने के लिए अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में दिल्ली में मुख्यमंत्री स्तर की वार्ता करने पर सहमत हुए थे।
9 अगस्त को मंत्रिस्तरीय चर्चा के बाद संयुक्त बयान पर किए गए हस्ताक्षर
असम और मिजोरम की सरकारों ने दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के समाधान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रिस्तरीय चर्चा के बाद 9 अगस्त 2022 को एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए थे। बयान के अनुसार, दोनों राज्य सीमाओं पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शांति को बढ़ावा देने और इसे बनाए रखने पर सहमत हुए थे। साथ ही, दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के उपायुक्त दो महीने में कम से कम एक बार बैठक करेंगे।
अक्टूबर में गुवाहाटी में होगी बैठक
दोनों राज्यों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों के बीच अगली बैठक इस साल अक्टूबर में गुवाहाटी में होगी जहां मुद्दों और दावों पर विस्तार से विचार किया जाएगा।
असम-मिजोरम की सीमा पर हुए कई संघर्ष
असम और मिजोरम के बीच 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है। दोनों राज्यों की सीमा पर पिछले कुछ सालों में कई संघर्ष हुए हैं। पिछले साल अगस्त में दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों ने आइजल में बातचीत की थी। इस दौरान वे शांति बनाए रखने और बातचीत के जरिए अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने पर सहमत हुए थे।
Next Story