अरुणाचल प्रदेश

'रुक्मिणी-कृष्ण विवाह' की यात्रा अब और यादगार बनेगी, NMA चेयरमैन तरुण विजय की कोशिशें लाई रंग

Shiddhant Shriwas
17 Jun 2022 4:37 PM GMT
रुक्मिणी-कृष्ण विवाह की यात्रा अब और यादगार बनेगी, NMA चेयरमैन तरुण विजय की कोशिशें लाई रंग
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ईटानगर (Itanagar).अरुणाचल सरकार रुक्मिणी-कृष्ण के विवाह की सांस्कृति विरासत को और अधिक रोमांचक और ज्ञानवर्धक(exciting and informative) बनाने की दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। अरुणाचल सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) के अध्यक्ष तरुण विजय को यह भरोसा दिलाया है। बता दें कि राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) के अध्यक्ष तरुण विजय 18 जून तक तिब्बत-चीन क्षेत्र की सीमा से लगे प्राचीन स्मारकों को देखने के लिए अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं। वे 14 जून को यहां पहुंचे थे। तरुण विजय स्थानीय जनजातीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और आस्था के उन स्थानों का पता लगा रहे हैं, जो किंवदंतियों और मौखिक इतिहास के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ते हैं। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अरुणाचल प्रदेश से गुजरात के पोरबंदर तक रुक्मिणी-कृष्ण की सालाना यात्रा की शुरुआत की थी।

इडु मिश्मी आदिवासियों में आज भी रुक्मिणी-कृष्ण के विवाह की गाथाएं लोकगीतों के जरिये गाई जाती हैं
अरुणाचल के डिप्टी सीएम चोना मीन(DyCM Arunachal Pradesh Chowna Mein) और तरुण विजय के नेतृत्व में NMA के टॉप ऑफिसर्स के बीच करीब 2 घंटे चली मीटिंग में रुक्मिणी और भगवान कृष्ण की कहानी के माध्यम से अरुणाचल के गुजरात के साथ सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध को मजबूत करने का निर्णय लिया गया। NMA टीम ने पौराणिक भीष्मक नगर के रुक्मणी महल के खंडहरों की विजिट की। यहां गांव के कई बुजुर्गों से मुलाकात की, जिन्होंने श्री रुक्मणी के कृष्ण से विवाह की सुंदर गाथाओं की परंपराओं का आगे बढ़ाया। यह आज भी इडु मिश्मी आदिवासी गायन( Idu Mishmi tribal sings) के रूप में लोकप्रिय है NMA अध्यक्ष ने एक इडु मिश्मी लड़की से भी मुलाकात की, जिसका नाम उसके माता-पिता ने रुक्मिणी रखा है। उसने स्थानीय रुक्मिणी भीष्म गीत गाया, जिसे विधिवत रिकॉर्ड किया गया था। गुजरात के पोरबंदर के कृष्ण का अरुणाचल की रुक्मणी से विवाह दोनों जगहों पर पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है।
अरुणाचल ने दिया ये भरोसा
अब यह योजना बनाई गई है कि गुजरात के लोगों की देश के सुदूर पूर्वी और सुदूर पश्चिमी कोनों के बीच सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए भीष्मक नगर और वाइस बीड़ा की यात्रा को बढ़ावा दिया जाएगा। अरुणाचल के डिप्टी सीएम चोना मीन ने कहा-"यह प्रधान मंत्री द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय एकता के लिए एक शानदार विचार है। हम इसका हिस्सा बनकर भाग्यशाली महसूस करते हैं।" NMA स्मारक संरक्षण की दिशा में मदद करने के लिए एक महत्वाकांक्षी प्लेन बना रहा है। NMA अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा कि रुक्मिणी-कृष्ण किंवदंती के माध्यम से राष्ट्रीय एकता मिशन(Mission National Unity) की कल्पना को साकार करने में गुजरात के एक प्रसिद्ध वास्तुकार और सांस्कृतिक मामलों के जानकार हेमराज कामदार(architect and cultural conceptualiser) और आंध्र प्रदेश के प्रोफेसर कैलाश राव सहयोग कर रहे हैं।
विजय ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में सभ्यता के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के सूत्र को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। अरुणाचल को अपनी सांस्कृतिक स्मृति के संरक्षण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस बीच NMA ने कई लोकल पुरातात्विक स्थलों का दौरा किया और इस संवेदनशील सीमावर्ती राज्य की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी जाएगी। तरुण विजय मानते हैं कि विरासत के संरक्षण और नए स्मारकों को राष्ट्रीय पुरातात्विक स्थलों की केंद्रीय संरक्षित सूची में शामिल करने के मामले में अरुणाचल प्रदेश पीछे रह गया है।


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