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अरुणाचल प्रदेश
1962 के बाद से चीन ने अरुणाचल में कोई घुसपैठ नहीं की है : भाजपा नेता
Rani Sahu
22 May 2023 11:45 AM GMT
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इटानगर (आईएएनएस)| अरुणाचल प्रदेश के भाजपा उपाध्यक्ष तहर तारक ने कहा है कि 1962 के बाद से चीनी सेना या नागरिकों द्वारा राज्य में कोई अतिक्रमण या घुसपैठ नहीं हुई है। अरुणाचल प्रदेश का चीन के तिब्बत के साथ 1,129 किलोमीटर की सीमा है।
भाजपा के 10 नेताओं की एक टीम ने 22 दिसंबर 2022 को अंजाव सेक्टर में सीमा यात्रा शुरू की और इस साल 24 अप्रैल को तवांग सेक्टर में उनकी यात्रा समाप्त हुई। पार्टी के स्थानीय नेता इस यात्रा में शामिल हुए थे।
तारक ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा के दौरान उन्होंने एलएसी पर तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों के साथ-साथ सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के साथ भी बातचीत की।
उन्होंने कहा, हमने पाया कि सीमा पर स्थिति सामान्य और शांतिपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के अनुसार, चीन द्वारा भारत की भूमि पर कोई अतिक्रमण या घुसपैठ दिखाई नहीं दे रही है।
भाजपा नेता ने कहा, लेकिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान कभी-कभी अनजाने में या गलती से गश्त के दौरान भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं और भारतीय सेना के जवान उन्हें चुनौती देकर खदेड़ देते हैं।
तारक ने कहा कि उन्होंने 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प के बाद दौरा करने का फैसला किया। इस हमले ने पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया था।
झड़प के दौरान भारत और चीन दोनों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आई थी।
हालांकि, दोनों पक्ष कुछ दिनों में ही अलग हो गए। इसी तरह की घटना अक्टूबर 2021 में हुई थी, जब पीएलए की एक बड़ी गश्ती टीम को यांग्त्से के पास भारतीय सेना द्वारा कुछ घंटों के लिए हिरासत में लिया गया था। हमारा प्रयास इन परिस्थितियों में सीमा की रक्षा करने वाले जवानों को सलामी देना था।
उन्होंने कहा, 2 सितंबर 2020 को शिकार करने गए पांच युवकों को पीएलए ने ऊपरी सुबनसिरी जिले में सेरा-7 से उठा लिया था। बाद में उन्हें कुछ दिनों के बाद अंजॉ जिले में छोड़ दिया गया।
18 जनवरी 2022 को अपर सियांग जिले के लुंगटा जोर के जंगल से बंदूक की नोक पर एक युवक का अपहरण कर लिया गया थी। उसे इसी साल 28 जनवरी को रिहा किया गया।
--आईएएनएस
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