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अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापीर गाँव का दावा, चीनी सेना पीएलए ने एक 17 साल के भारतीय किशोर को किया अपहरण

Khushboo Dhruw
19 Jan 2022 6:39 PM GMT
अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापीर गाँव का दावा, चीनी सेना पीएलए ने एक 17 साल के भारतीय किशोर को किया अपहरण
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अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापीर गाओ का एक दावा सामने आया है जिसमें उन्‍होंने कहा है कि चीनी सेना पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले के एक 17 वर्षीय किशोर का अपहरण कर लिया है।

अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापीर गाओ (Arunachal MP Tapir Gao) का एक दावा सामने आया है जिसमें उन्‍होंने कहा है कि चीनी सेना पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले के एक 17 वर्षीय किशोर का अपहरण कर लिया है। तापीर गाओ ने अपने ट्वीट में कहा है कि पीएलए की कैद से किसी तरह बचकर आए एक अन्‍य लड़के ने इस अपहरण की जानकारी अधिकारियों को दी। सांसद गाओ ने आगे कहा है कि पीएलए द्वारा भारतीय किशोर के अपहरण के बारे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एन प्रमाणिक (MoS Home N Pramanik) को सूचित कर दिया गया है। साथ ही सरकारी एजेंसियों से भारतीय किशोरा की जल्द रिहाई सुनिश्चित करने की गुजारिश की गई है।

अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापीर गाओ (Arunachal MP Tapir Gao) का उक्‍त ट्वीट ऐसे वक्‍त में सामने आया है जब चीन के साथ सीमा पर तनाव बरकरार है। यही नहीं चीनी सेना के साथ 14वें दौर की कोर-कमांडर स्‍तर की बातचीत भी बेनतीजा साबित हुई है। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से जारी किए गए साझा बयान में कहा गया है कि दोनों सेनाएं द्व‍िपक्षीय संवाद को बनाए रखेंगी। हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि भारत 14वें दौर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख में पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 (हॉट स्प्रिंग्स) पर विघटन से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए आशान्वित है।
नए साल में भी भारत और चीन के रिश्तों में सुधार का कोई संकेत नहीं है। पहले भी चीन शीर्ष भारतीय नेताओं और अधिकारियों के अरुणाचल प्रदेश दौरे का विरोध करता रहा है। हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की थी जिसके बाद भारत ने सख्‍त आपत्ति जताई थी। भारत ने चीन के दावे को ठुकराते हुए राज्य को अपना अभिन्न हिस्सा बताया था। भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश चीन का अविभाज्‍य हिस्‍सा था, है और आगे भी रहेगा... किसी भी देश को भारत की संप्रभुता में दखलंदाजी की इजाजत नहीं है।


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