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आंध्र प्रदेश
Weather Alert: आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान, राज्य में मचा सकती है तबाही
Deepa Sahu
27 Nov 2021 3:13 PM GMT
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आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले हफ्ते हुई मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ की तबाही के बाद अभी हालात सामान्य भी नहीं हुए थे कि फिर भारत मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी जारी की है. आईएमडी के अनुसार, शनिवार और रविवार को आंध्र प्रदेश के एससीएपी और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
बता दें कि आंध्र प्रदेश के कडपा जिले में हाल में आई बाढ़ में डूबे 16 लोग अब भी लापता हैं और राज्य सरकार ने शुक्रवार को कहा कि बाढ़ में 44 अन्य की मौत हो गई. विधानसभा में स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने बाढ़ और उसके बाद राज्य सरकार द्वारा उठाए गए राहत कदमों पर बयान दिया.
राज्य सरकार ने घोषित किया मुआवजा
उन्होंने कहा कि न केवल मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपये मुआवजा दिया गया बल्कि लापता लोगों के परिजनों को भी यह राशि दी गई. उन्होंने कहा कि बाढ़ में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए 1,169 घरों में से प्रत्येक के लिए 95,100 रुपये मुआवजा दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा उनमें से प्रत्येक परिवार के लिए 1.80 लाख रुपये की लागत से नया मकान बनवाया जाएगा. आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हर घर के लिए 5,200 रुपये मुआवजा दिया गया.
Heavy to very heavy rainfall accompanied with lightning is likely to occur at isolated places over SCAP & Rayalaseema in Andhra Pradesh today and tomorrow. On Nov 29, heavy rain is expected to occur at isolated places over SCAP & Rayalaseema: IMD
— ANI (@ANI) November 27, 2021
रेड्डी ने कहा कि एसपीएस नेल्लोर, कडपा, चित्तूर और अनंतपरमु जिलों में 16 नवंबर को शुरू हुई बारिश ने अप्रत्याशित रूप से तबाही मचाई. उन्होंने कहा कि 18 नवंबर की रात को अन्नमय्या परियोजना के गांवों के 400 परिवारों को ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंचाया गया और 900 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया.
प्रायद्वीपीय भारत में हुई 143.4 प्रतिशत ज्यादा बारिश
वहीं, प्रायद्वीपीय भारत में 1 नवंबर से 25 नवंबर के बीच 143.4 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जिससे यहां बाढ़ और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, यहां पर 1 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच 63 फीसदी अतिरिक्त बारिश हुई. 1 अक्टूबर से पूर्वोत्तर मानसून सीजन के दौरान तमिलनाडु में अब तक 61 फीसदी, पुडुचेरी में 83, कर्नाटक में 105 और केरल में 110 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है. बारिश के कारण इस महीने चेन्नई और आंध्र प्रदेश के रायलसीमा के कुछ हिस्सों में भी बाढ़ की स्थिति देखी जा रही है.
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