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आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों का झगड़ा राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा, प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद से किया निवेदन
Deepa Sahu
2 Nov 2021 3:25 PM GMT
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आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और विपक्षी तेलुगू देश में पार्टी के बीच का झगड़ा मंगलवार को राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया है।
आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और विपक्षी तेलुगू देश में पार्टी के बीच का झगड़ा मंगलवार को राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया है। वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन जाकर प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद से निवेदन किया है कि वह टीडीपी की मान्यता रद्द कर दें।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और सांसद वी विजयसाईं ने कहा, 'हमारे सारे सांसदों ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें बताया कि कैसे टीडीपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं, खासतौर पर चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे लोकेश और प्रवक्ता पत्ताभी द्वारा हमारे नेता जगन मोहन रेड्डी के लिए गंदी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। हमने राष्ट्रपति से निवेदन किया है कि वे टीडीपी को अमान्य घोषित कर दें।'
रेड्डी ने यह भी कहा कि टीडीपी आतंकवादी पार्टी बन गई है, असामाजिक पार्टी बन गई है। उन्होंने आगे कहा, 'टीडीपी के पास लोगों का भरोसा नहीं, यह पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों पर नहीं चलती। इसलिए, एक ऐसी पार्टी जो लोकतंत्र में भरोसा नहीं करती, वह चुनाव लड़ने का नैतिक अधिकार भी खो देती है।'वाईएसआर कांग्रेस के नेता ने यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से यह भी आग्रह किया है कि वे कानून मंत्री को निर्देश दें कि अदालत की अवमानना के कानून के तर्ज पर ही विधानसभा की अवमानना का कानून भी लाए ताकि आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी को इस तरह की गंदी भाषा इस्तेमाल करने के लिए दंड दिया जा सके।
बता दें कि एक दिन पहले ही टीडीपी नेताओं ने चीफ इलेक्शन कमीश्नर सुशील चंद्रा से मुलाकात कर यह मांग की थी कि सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस की मान्यता रद्द करनी चाहिए। टीडीपी ने वाईएसआर कांग्रेस पर अराजकता बढ़ाने और राज्य समर्थित आतंक को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इससे पहले टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू ने बीते महीने राष्ट्रपति से मिलकर आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की थी।
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