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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) .भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी-डी2) की शुक्रवार को दूसरी विकासात्मक उड़ान में तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक निश्चित कक्षाओं में स्थापित किया।
इस सफलता के बाद शार स्थित मिशन कंट्रोल सेंटर से वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इसरो के अध्यक्ष डॉ.एस. सोमनाथ ने कहा, "अपने दूसरे प्रयास में एसएसएलवी-डी2 ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस-07) को बहुत सटीक रूप से निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया है।
इसके साथ ही अमेरिकी कंपनी अंटारिस द्वारा निर्मित 10.2 किलोग्राम के जानूस-1 उपग्रह और चेन्नई के स्पेसकिड्ज इंडिया द्वारा निर्मित 8.8 किलोग्राम के आज़ादीसैट-2 उपग्रह को भी निश्चित कक्षा में स्थापित कर दिया है।
उन्होंने कहा " एसएसएलवी ने पिछले साल अगस्त में अपनी पहली उड़ान एसएसएलवी-डी1 से भरी थी। पिछली बार वेग में कुछ कमी रहने की वजह से उपग्रहों को निर्धारित कक्षाओं में स्थापित नहीं किया जा सका था।
मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमने एसएसएलवी डी1 में आयी समस्याओं का विश्लेषण किया है– सुधारात्मक कार्रवाइयों की पहचान की और इसे लागू किया। हम बहुत अध्ययन किया और सुनिश्चित किया कि मिशन इस बार सफल हो जाएगा और मुझे खुशी है कि यह वास्तविकता में क्रियान्वित किया गया है। "
डॉ सोमनाथ ने कहा कि एसएसएलवी-डी 2 ने आज यहां शार रेंज से ईओएस-07 और दो अन्य उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
आज सुबह तड़के उडान से पहले दो बजकर 48 मिनट पर उल्टी गिनती शुरू हुई और साफ आसमान के बीच यान ने नौ बजकर 18 मिनट पर उड़ान भरी। उड़ान के 15 मिनट पूरे होने और तीनों चरणों के अलग होने के बाद 119 टन वजनी 34 मीटर लंबे एसएसएलवी ने 156.3 किलोग्राम वजनी ईओएस-07, अमेरिकी कंपनी अंटारिस द्वारा निर्मित 10.2 किलोग्राम के जानूस-1 उपग्रह और चेन्नई के स्पेसकिड्ज इंडिया द्वारा निर्मित 8.8 किलोग्राम के आज़ादीसैट-2 उपग्रह को 450 किलोमीटर लंबी कक्षा में 37.2 डिग्री के झुकाव पर स्थापित किया।डॉ़ सोमनाथ ने इस सफलता के लिए इसरो की पूरी टीम का बधाई दी। इस साल का यह पहला प्रक्षेपण है।