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आंध्र प्रदेश
एक मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए पुलिस ने 4 लाख मोबाइल नंबरों की निगरानी की
Ritisha Jaiswal
18 Feb 2022 1:13 PM GMT
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आंध्र प्रदेश पुलिस की इस पड़ताल की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है.
आंध्र प्रदेश पुलिस की इस पड़ताल की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है. ये कहानी शुरू होती 16 नवंबर 2021 से. उस रात गाड़ियों से पेट्रोल चुराने जैसी छोटी वारदातें करना वाला एक आदतन अपराधी बड़ा दांव मारने की गरज से अनंतपुर जिले के कदिरी कस्बे की एनजीओ कॉलोनी के एक घर में घुसता है. यह शंकर रेड्डी नाम के एक शिक्षक का है. बदमाश घर पर मौजूद उनकी पत्नी ऊषा रानी पर लोहे की छड़ से हमला करता है. उनकी वहीं मौत हो जाती है. इसके बाद वह घर से सोना, नगदी और अन्य सामान लूटकर फरार होता है. बाहर उसे चाय की गुमटी चलाने वाली शिवम्मा मिलती है. उन पर भी हमला करता है. उनके जेवरात लूटता है और रफूचक्कर हो जाता है.
वारदात के बाद स्वाभाविक एंट्री होती पुलिस की. वारदात वाली जगह से उंगलियों के निशान (Finger Prints) लिए जाते हैं. आसपास से सीसीटीवी फुटेज (cctv footage) खंगाले जाते हैं. कुछेक लोगों से पूछताछ की जाती है. लेकिन कोई सुराग नहीं मिलता. लिहाजा, व्यापक पड़ताल का खाका तैयार किया जाता है. पुलिस अधीक्षक के फकीरप्पा खुद इस जांच की अगुवाई कर रहे हैं. वारदात के तरीके को देखकर पुलिस शक 'पारधी गिरोह' पर जाता है. यह गिरोह लूटपाट के साथ हत्याएं भी करता है. मध्य प्रदेश कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे कई राज्यों में फैला हुआ है. इसे देखते हुए 8 टीमें बनाई जाती हैं और करीब 30 अफसरों व जवानों को जांच के काम लगा दिया जाता है.
90 दिन का वक्त लगा
पारधी गिरोह का जहां जिन राज्यों में मूवमेंट वहां के लिए भी कुछ टीमें रवाना की जाती हैं. कुछ टीमें अनंतपुर और कदिरी के पुलिस स्टेशन व रेलवे स्टेशनों में तैनात की जाती हैं. अब अलग-अलग मोर्चों पर एक साथ काम चल रहा है, 24 घंटे, 7 दिन. दूसरे राज्यों में गई टीमें पारधी-गिरोह के संदिग्ध सहयोगियों से वहां पूछताछ कर रही हैं. आंध्र प्रदेश और पड़ोसी तेलंगना में भी कुछ टीमें इसी तरह की कवायद में लगी हैं. कदिरी की होटलों आदि पर भी रोज बिना नागा दबिश दी जा रही है. नवंबर की 16 तारीख से पहले जेल से बाहर आए करीब 1,500 बदमाश भी पुलिस की निगरानी के दायरे में हैं. दूसरे राज्यों से आए कामगारों को भी लगातार टटोला जा रहा है. लेकिन? अब तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. गुजरते-गुजरते करीब 90 दिन का वक्त गुजर गया है. जांच-पड़ताल के क्रम में 5 राज्यों के करीब 5,000 लोगों के कंधे दबाए जा चुके हैं. उनसे सवाल जवाब हो चुके हैं. करीब 4 लाख मोबाइल नंबर भी निगरानी में लिए जा चुके हैं. पर अब तक पूरी कवायद खाली हाथ है.
तभी अचानक कदिरी कस्बे की ही हिंदुपुर रोड पर इसी बुधवार, 16 फरवरी को एक संदिग्ध पुलिस की दबोच में आता है. हत्थे चढ़ने के बाद पहले वह मासूम बनने की कोशिश करता है. मगर जैसे ही थोड़ी सख्ती बरती जाती है, वह टूट जाता है. अपना गुनाह कुबूल कर लेता है. मान लेता है कि उसने की शंकर रेड्डी के घर लूट की और उनकी पत्नी की हत्या की. ये शेख शफीउल्लाह है. उम्र 35 साल. मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला. इसने कदिरी की एक महिला से शादी की है.
पुलिस अधीक्षक के फकीरप्पा इस दिलचस्प जांच-कवायद का पूरा ब्यौरा देते हुए बताते हैं कि शेख शफीउल्लाह फिल्में देखने का शौकीन है. उसने हत्या की वारदात के कुछ दिन पहले तेलुगु फिल्म 'दांडुपालयम' देखी थी. इसमें लुटेरे शहर में अपना आतंक फैलाने के लिए लूट के साथ हत्याएं भी करते हैं. उसी की देखा-देखी शफीउल्लाह ने भी बड़ी वारदात को अंजाम देने का इरादा किया था. बहरहाल, पुलिस ने अब उसे गिरफ्तार करते हुए उसके पास से 58 तोला सोना, एक दो-पहिया वाहन और करीब 97,000 रुपए नगद बरामद किए हैं.
Ritisha Jaiswal
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