आंध्र प्रदेश

तिरुमला के अंजनाद्री में भगवान हनुमान के जन्मस्थान पर भूमि पूजन, मंदिर निर्माण को लेकर विवाद

Deepa Sahu
16 Feb 2022 6:46 PM GMT
तिरुमला के अंजनाद्री में भगवान हनुमान के जन्मस्थान पर भूमि पूजन, मंदिर निर्माण को लेकर विवाद
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माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर तिरुमला (Tirumala) के अंजनाद्री में भगवान हनुमान (Hanuman) के जन्मस्थान पर भूमि पूजन किया गया.

माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर तिरुमला (Tirumala) के अंजनाद्री में भगवान हनुमान (Hanuman) के जन्मस्थान पर भूमि पूजन किया गया. प्रसिद्ध कला निर्देशक आनंद साई (Anand Sai) के साथ दाता नारायणम नागेश्वर राव और मुरली कृष्ण गोपुरम ने मंदिरों के प्रवेश द्वार पर टॉवर, अंजनेया की एक विशाल मूर्ति आदि जैसी विकास गतिविधियों के लिए डिजाइन किया है. वहीं विशाखा शारदा पीठम के श्री स्वरूपानंद सरस्वती, चित्रकूट द्रष्टा, रामभद्राचार्युलु, राम जन्मभूमि कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरिजी महाराज, कोटेश्वर सरमा और अन्य सहित आध्यात्मिक हस्तियां इस मंदिर में आकर महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे.

अंजनाद्री श्री वेंकटचल महात्यम् में उपलब्ध है, जो लगभग एक हजार साल पहले महान वैष्णव संत श्री रामानुजाचार्य द्वारा अनुमोदित श्री वेंकटचल से संबंधित पुराणों का एक संकलन है. विशेष रूप से स्कंद पुराण में के संस्करणों में भगवान हनुमान के जन्मस्थान के रूप में अंजनाद्री का विस्तृत विवरण किया गया है.

हनुमान के जन्म पर लोगों की अलग-अलग राय
आपको बता दें कि इस मंदिर को लेकर काफी विवाद भी है. आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का दावा है कि भगवान हनुमान का जन्म तिरुमला पहाड़ियों पर स्थित अंजनाद्री हिल्स पर हुआ था. भगवान हनुमान का जन्म कहां हुआ था, कई लोग अलग-अलग दावे कर रहे हैं, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) का दावा है कि भगवान हनुमान का जन्म अंजनाद्री हिल्स पर हुआ था. लेकिन वास्तव में हनुमान के जन्मस्थान पर अलग-अलग मत हैं. स्वामी गोपालानंद बाबा का दावा है कि हनुमान का जन्मस्थान वर्तमान झारखंड में हुआ था. स्वामी गोविदानंद सरस्वती ने कहा था कि हंपी (कर्नाटक) के पास किष्किंधा में हनुमान का जन्म स्थान है और कुछ लोग कहते हैं कि गोकर्ण उनकी जन्मभूमि है. लेकिन टीटीडी ने उन सभी दावों का खंडन किया है.


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