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आंध्र प्रदेश
स्कूलों में लड़कियों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने बनाए ये नियम, जानिए क्या ?
Ritisha Jaiswal
12 Aug 2022 1:17 PM GMT
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आंध्र प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान बनाने के लिए एक अनूठी पहल की है
आंध्र प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान बनाने के लिए एक अनूठी पहल की है. शिक्षा विभाग ने स्कूली छात्रों, खासकर लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का एक खाका तैयार किया गया है. प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम 2012 को लेकर सतर्क किया जा रहा है.
हर स्कूल में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को पॉक्सो अधिनियम के तहत बाल संरक्षण मानदंडों और बाल यौन शोषण रोकथाम संबंधी उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है. स्कूल शिक्षा आयुक्त एस सुरेश कुमार ने कहा, 'सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऐसी घटनाओं के व्यापक स्तर पर होने के बावजूद इनकी शिकायत उतनी नहीं की जाती. हम यह चुप्पी तोड़ना चाहते हैं, ताकि पीड़ित सामने आएं और शिकायत करें. यह उत्पीड़न को रोकने के लिए काफी मददगार साबित होगा.'
सुरेश कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि स्कूल सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों को 18 साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के लिए नई पहल के तहत तैयार किया गया है. इस समस्या के समाधान के लिए हर स्कूल में प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में 'स्कूल सुरक्षा समिति', 'बाल शोषण निगरानी समिति' और 'स्कूल शिकायत समिति' बनाई जा रही है.
कुमार ने कहा, 'हम छात्रों को उनकी समस्याओं, बुरे अनुभवों आदि को लेकर शिकायत दर्ज कराने के लिए हर स्कूल में, विशेष रूप से तैयार किया गया, एक शिकायत बक्सा लगा रहे हैं. शिक्षक या अन्य कर्मचारियों के खिलाफ अगर कोई शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो गहन जांच की जाएगी और पीड़ित शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी.'
उन्होंने बताया कि एक मंडल स्तरीय समिति शिकायतों की जांच करेगी और 15 दिन के भीतर सक्षम प्राधिकारी को आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी. इस समिति में स्थानीय तहसीलदार और अन्य अधिकारी शामिल होंगे. कुमार ने कहा, 'हमारा लक्ष्य स्कूलों को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न और दुराचार से मुक्त एक सुरक्षित स्थान बनाना है
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