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एम्स के डॉक्टरों ने बताई वजह क्यों फैल रहा है दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में आई

Teja
29 July 2023 7:08 AM GMT
एम्स के डॉक्टरों ने बताई वजह क्यों फैल रहा है दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में आई
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एनसीआर : एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में इन दिनों आई फ्लू फैलने का कारण एडिनोवायरस का संक्रमण है।एम्स के आरपी सेंटर के डॉक्टरों द्वारा आई फ्लू से पीड़ित 30 मरीजों के सैंपल की कल्चर जांच से यह बात सामने आई है। एम्स वायरस के स्ट्रेन की जांच करने में भी जुटा है, जिससे यह पता चल सके कि संक्रमण अधिक फैलने का कारण वायरस का कोई नया स्ट्रेन तो नहीं है। एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जेएस तितियाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एडिनोवायरस के कारण वर्षों से आई फ्लू के मामले आते रहे हैं, लेकिन इस बार संक्रमण अधिक है। एक सप्ताह से मामले अधिक आ रहे हैं। इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है और दो सप्ताह बाद संक्रमण कम हो जाता है। उम्मीद अगले सप्ताह के बाद इसके संक्रमण से राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि आई फ्लू हर्पीज व कई अन्य वायरस के कारण भी होता है। इस बार हर्पीज का संक्रमण नहीं पाया जा रहा है। इस बार 20 से 30 प्रतिशत मामलों में एडिनोवायरस के साथ-साथ स्टाफीलोकोकस बैक्टीरिया का सुपर संक्रमण भी देखा जा रहा है। आरपी सेंटर की इमरजेंसी में प्रतिदिन 70 से 100 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जो आंखों की इमरजेंसी में पहुंचने वाले कुल मरीजों का करीब 30 प्रतिशत है।एम्स के आरपी सेंटर के डॉक्टरों द्वारा आई फ्लू से पीड़ित 30 मरीजों के सैंपल की कल्चर जांच से यह बात सामने आई है। एम्स वायरस के स्ट्रेन की जांच करने में भी जुटा है, जिससे यह पता चल सके कि संक्रमण अधिक फैलने का कारण वायरस का कोई नया स्ट्रेन तो नहीं है। एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जेएस तितियाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एडिनोवायरस के कारण वर्षों से आई फ्लू के मामले आते रहे हैं, लेकिन इस बार संक्रमण अधिक है। एक सप्ताह से मामले अधिक आ रहे हैं। इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है और दो सप्ताह बाद संक्रमण कम हो जाता है। उम्मीद अगले सप्ताह के बाद इसके संक्रमण से राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि आई फ्लू हर्पीज व कई अन्य वायरस के कारण भी होता है। इस बार हर्पीज का संक्रमण नहीं पाया जा रहा है। इस बार 20 से 30 प्रतिशत मामलों में एडिनोवायरस के साथ-साथ स्टाफीलोकोकस बैक्टीरिया का सुपर संक्रमण भी देखा जा रहा है। आरपी सेंटर की इमरजेंसी में प्रतिदिन 70 से 100 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जो आंखों की इमरजेंसी में पहुंचने वाले कुल मरीजों का करीब 30 प्रतिशत है।

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