एक्सपर्ट के अनुसार : भारत की विकास दर मार्च तिमाही में फिर घट सकती है....
एचडीएफसी बैंक के अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को कहा कि देश में ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण सामान्य आर्थिक गतिविधियों पर दबाव पड़ सकता है, जिसके चलते मार्च तिमाही में वृद्धि दर 0.30 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकती है। निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि पहले उनका अनुमान था कि चौथी तिमाही में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत होगी, लेकिन ओमिक्रोन के प्रकोप के चलते ये 0.2-0.3 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि राज्यों द्वारा कोविड से संबंधित प्रतिबंधों (लोगों की आवाजाही पर रात का कर्फ्यू, 50 प्रतिशत क्षमता के साथ रेस्त्रां का संचालन, कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के आने की अनुमति) के चलते वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने की आशंका है। अर्थशास्त्रियों ने एक टिप्पणी में कहा कि अधिक राज्यों के प्रतिबंध लगाने, प्रतिबंधों के जनवरी, 2022 से आगे बढ़ने और वैश्विक पुनरुद्धार में मंदी के चलते इस समय नकारात्मक जोखिम बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और कुल नए मामलों में से 60 प्रतिशत इस नए स्वरूप के संक्रमण के हैं। सोमवार तक कुल ओमिक्रोन टैली 1,700 थी, लेकिन वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि भारत में जीनोम अनुक्रमण की जांच करने के लिए बहुत कम परीक्षण सुविधाएं हैं।
नोट में यह भी कहा गया है कि ओमिक्रोन के खतरे के बावजूद रुपया 74-76 रुपये के बीच रहेगा। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर आरबीआई हस्तक्षेप करेगा। नोट के मुताबिक ग्रोथ रेट की उम्मीदें मध्यम होंगी क्योंकि विकास प्रभावित होता है और फरवरी में अपेक्षित रिवर्स रेपो बढ़ोतरी भी अब अनिश्चित है। केंद्रीय बैंक तरलता सामान्य करने और कैपिंग यील्ड पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा। (जनता से रिश्ता)