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6 नई रक्षा कंपनियों ने दर्ज किया प्रोविजनल प्रॉफिट, 8400 करोड़ रुपये रहा टर्नओवर

Admin2
29 April 2022 11:51 AM GMT
6 नई रक्षा कंपनियों ने दर्ज किया प्रोविजनल प्रॉफिट, 8400 करोड़ रुपये रहा टर्नओवर
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3,000 करोड़ रुपये से अधिक के घरेलू टेंडर व 600 करोड़ रुपये के निर्यात ऑर्डर मिले

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : केंद्र सरकार ने प्रेस रिलीज कर यह जानकारी दी है. उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) को छोड़कर,

शेष छह कंपनियों – म्यूनीशन्स इंडिया लि. (एमआईएल), , एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लि. (एडब्लूई इंडिया),ट्रूप कंफर्ट्स लि. (टीसीएल), इंडिया ऑपटेल लि. (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लि. (जीआईएल) ने प्रोविजनल प्रॉफिट दर्ज किया है.

केंद्र द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सरकार ने रक्षा कंपनियों के कॉर्पोरेट संस्थाओं की तरह काम करने के लिए विभिन्न प्रकार की मदद मुहैया कराई.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) द्वारा पूरे न किये जा सकने वाले आर्डरों को दुरुस्त किया गया और उन्हें संविदाओं में बदल दिया गया जिनकी कीमत 70,776 करोड़ रुपये निर्धारित की गई. इन कंपनियों को बीते वित्त वर्ष 7,765 करोड़ रुपये दिए गए ताकि वे कारोबार स्थापित कर सकें. इसके अलावा वर्तमान वित्त वर्ष में सातों रक्षा कंपनियों को 2,765.95 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

भारत सरकार ने बताया है कि 15 अक्टूबर 2021 को विजयदशमी के दिन जिन 7 रक्षा कंपनियों का लोकर्पण हुआ था उनमें से 6 ने प्रोविजनल प्रॉफिट दर्ज किया है.

इन कंपनियों का कुल टर्नओवर 8,400 करोड़ रुपये रहा है. इन्हें 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के घरेलू टेंडर व 600 करोड़ रुपये के निर्यात ऑर्डर मिले हैं.

म्यूनीशन्स इंडिया लिमिटेड ने 500 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आयुध निर्यात ऑर्डर प्राप्त किया है.

बहुत कम समय में प्राप्त किये टेंडर

बता दें कि चालू होने के बाद के छोटे से समय में ही इन कंपनियों ने घरेलू टेंडर और निर्यात आर्डर अर्जित कर लिए.

जिनका मूल्य क्रमशः 3,000 करोड़ रुपये और 500 करोड़ रुपये है. एमआईएल ने 500 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आयुध निर्यात आर्डर प्राप्त किया है.ये सभी कंपनियां स्वयं और सहयोग के जरिये नये उत्पादों का विकास कर रही हैं. वाईआईएल ने एक्सल बनाने के लिये भारतीय रेल से लगभग 251 करोड़ रुपये का आर्डर प्राप्त किया है.

ये नई संस्थायें अपने संसाधनों और लागत में कटौती के लिये भी उपाय कर रही हैं. लागत में कटौती पर ध्यान देते हुये इन कंपनियों ने पहले छह माह में ही ओवरटाइम तथा गैर-उत्पादक गतिविधियों में कटौती करके लगभग 9.48 फीसदी की बचत कर ली है. इनकी निगरानी रक्षा विभाग द्वारा नियमित तौर पर होती है.पिछले साल ओएफबी को 7 कंपनियों में बदल दिया गया

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 16 जून, 2021 को रक्षा विनिर्माण में क्षेत्र में बदलाव करते हुए आयुध फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ कर दिया था.बोर्ड को केंद्र के स्वामित्व वाली सात कॉर्पोरेट संस्थाओं में बदल दिया गया था.

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