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गर्भवती महिलाओं के लिए जीका वायरस बेहद खतरनाक, भ्रूण पर करता है अटैक
पूरे भारत ने इस साल अप्रैल-मई महीने में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर को देखा है. अब कई राज्यों के लिए जीका वायरस (ZIKA VIRUS) एक बड़ी मुश्किल बना हुआ है. यूपी के कानपुर (Kanpur) में भी जीका वायरस (Zika Virus Cases) के काफी मामले देखने को मिले हैं. कानपुर में जीका वायरस के संक्रमण को कम करने की जिम्मेदारी संभाल रहे सीनियर ब्यूरोक्रेट अमित मोहन प्रसाद कहते हैं कि इस वायरस के खतरे और संक्रमण (Infection) से तभी बच सकते हैं जब हम वास्तविक मामलों की संख्या को तलाश पाएंगे. उन्होंने कहा कि वायरस के प्रकोप पर अनुमानित रिपोर्ट से कहीं ज्यादा बेहतर है 100 वास्तविक मामलों को ढूंढना.
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहन प्रसाद ने अपनी टीम के अधिकारियों को टेस्टिंग और ट्रेसिंग का काम तेजी से करने के निर्देश दिए हैं ताकि संक्रमण के मामले तेजी से पकड़े जा सकें. उन्होंने कहा कि हमने अपनी टीम को कहा है कि यदि संक्रमण के मामले अधिक संख्या में आते हैं तो उसकी चिंता न करें. 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रसाद ने कहा कि अगर हम ट्रेसिंग करने के लिए कुछ नहीं करते हैं तो संक्रमण के मामले बहुत कम आएंगे. उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमने ट्रेसिंग जैसे वैज्ञानिक उपायों को अपनाकर अब तक 100 से अधिक मामलों का पता कर लिया है.
कानपुर में कुल 107 जीका वायरस के मामले सामने आए हैं, जबकि कन्नौज में एक मामला सामने आया है. जिनमें से अब तक 18 मामले पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. इन कुल मामलों में से तीन महिलाएं गर्भवती भी हैं. कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेपाल सिंह ने कहा कि जो महिलाएं जीका वायरस से संक्रमित पाई गई हैं उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के अल्ट्रासाउंड और परीक्षण किए गए हैं. डॉ. ने कहा कि गर्भाशय में भ्रूण के विकास पर भी निगरानी रखी जा रही है.
डॉ. नेपाल के अनुसार जीका वाययरस अगर किसी गर्भवती महिला को संक्रमित करता है तो यह सीधे उसके भ्रूण तक चला जाता और इससे जन्म के दौरान कुछ समस्याएं भी सामने आ सकती हैं. यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, जीका आमतौर पर एक हल्की बीमारी है और इसके लक्षण एक सप्ताह से लेकर कर कुछ दिनों तक रह सकते हैं. डॉक्टर्स की मानें तो इसके संक्रमण पर रोक नहीं लगाई गई तो यह कई गुना बढ़ सकता है.