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![आपके पैरों से भी आती है बदबू, तो अपनाएं ये तरीके आपके पैरों से भी आती है बदबू, तो अपनाएं ये तरीके](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/06/11/1687561-untitled-1-copy.webp)
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अक्सर पसीने के कारण आपके पैरों से बदबू आती है। इस स्थिति का सामना किसी को भी करना पड़ सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अक्सर पसीने के कारण आपके पैरों से बदबू आती है। इस स्थिति का सामना किसी को भी करना पड़ सकता है। इसका न उम्र से कोई लेना देना है, न ही इस बात से कि आप पुरुष हैं या महिला। यह केवल एक मौसम की बात भी नहीं। गर्मी, बारिश और यहां तक कि सर्दी के दिनों में भी दौड़ने, जिमिंग करने या टहल कर आने के बाद जब आप जूते उतारते हैं तो बदबू का झोंका न केवल आपको, बल्कि आपके आस पास के पूरे वातावरण को परेशानी में डाल देता है। यह बदबू असल मे आपके पैरों से आती है जो मोजों तक में बस जाती है। इस स्थिति को लेकर अक्सर मजाक भी किया जाता है। लेकिन असल में यह एक आम समस्या है जिसे लेकर लोग काफी परेशान रहते हैं। आइए जानें क्यों बन जाती है यह बदबू मुसीबत का कारण और कैसे कर सकते हैं इस पर नियंत्रण।
पैरों में बदबू का कारण:
पैर हमारे शरीर का वह हिस्सा हैं जिसपर अधिकांश लोग तब तक ध्यान नहीं देते जब तक एड़ियां फटना या दर्द करना शुरू नहीं कर देतीं। कई बार महंगे फुटवेयर या मोजे पहनकर हम सोचते हैं कि बस पैरों का ध्यान रख लिया। जबकि यह इतना आसान नहीं होता। पैर शरीर का वह हिस्सा हैं जहां सबसे ज्यादा पसीना आता है। पैरों में करीब 250,000 स्वेद ग्रंथियां (पसीना पैदा करने वाली ग्लैंड्स) होती हैं। ये ग्रन्थियां दिनभर आपके पैरों का तापमान संतुलित रखने और नमी बनाए रखने के लिए पसीना पैदा करती रहती हैं। यही पसीना बैक्टीरिया के पनपने की स्थिति बनाता है और यही बदबू का कारण बनती है। इस स्थिति को ब्रोमोडोसिस कहते हैं। ब्रोमोडोसिस की स्थिति कई बार फंगल इंफेक्शन जैसे कि एथलीट्स फुट के कारण भी सामने आ सकती है। ज्यादातर मामलों में साधारण उपायों से ही इस बदबू को नियंत्रित किया जा सकता है।
किशोरों और गर्भवती महिलाओं में ज्यादा:
पैरों से बदबू आने की यह समस्या वैसे किसी को भी हो सकती है लेकिन किशोरावस्था और गर्भावस्था के दौरान इसके होने का प्रतिशत अधिक होता है। इसका कारण उनमें होने वाला हार्मोनल परिवर्तन होता है। इसकी वजह से पसीना ज्यादा आता है और बदबू आने लगती है। जो लोग दिनभर खड़े रहकर काम करते हैं उनके पैरों पर लगातार दबाव पड़ते रहने से भी अधिक पसीना आने की स्थिति बन सकती है और पैरों में बदबू आ सकती है। वहीं मोटापा, डायबिटीज और अन्य हार्मोनल असंतुलन से जूझ रहे लोगों में भी यह समस्या आसानी से पनप सकती है।
पैरों की बदबू दूर करने के उपाय
दिन में नहाते समय पैरों को साफ करने के लिए किसी भी माइल्ड सोप और स्क्रब का उपयोग करें। इसके बाद जब भी आप घर लौटकर जूते उतारें, पैरों को फिर से एक बार गुनगुने पानी और माइल्ड साबुन से धोएं। धोने के बाद पैरों को अच्छे से सुखाएं। नमी रहने से बैक्टीरिया आसानी से पनप सकते हैं।
नाखूनों को समय पर काटना और उनमें से पूरी तरह मैल साफ करना भी बहुत जरूरी है।
पैर घिसने वाले साधन की मदद से नियमित पैरों की डेड स्किन निकालते रहें। गीली होने पर अक्सर डेड स्किन की मोटी परत फूलकर नरम और नम हो जाती है और बैक्टीरिया कर पनपने के लिए आसान स्थितियां पैदा कर देती है।
रात को सोने से पहले एक कॉटन बॉल पर हल्का सा अल्कोहल लगाकर उसे पैरों पर लगाएं लेकिन ध्यान रखें कि इसे पैरों की फटी एड़ियों या खुले घावों पर न लगाएं।
दिन में कम से कम एक बार पैरों पर एंटीफंगल फुट स्प्रे या मेडिकेटेड पावडर का उपयोग करें। इसके लिए आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
जूतों के भीतर डालने के लिए भी मेडिकेटेड स्प्रे या डियो बाजार में उपलब्ध होते हैं, उनका बीबी प्रयोग सीमित मात्रा में किया जा सकता है। पैरों पर पसीना रोकने वाले स्प्रे का उपयोग भी किया जा सकता है। कभी कभी पानी मे थोड़ी मात्रा में विनेगर यानी सिरका डालकर उसमें पैर थोड़ी देर रखकर बैठने से भी बदबू से छुटकारा मिल सकता है।
यदि सामान्य साबुन आपकी स्किन के लिए समस्या पैदा कर रहा है तो एंटीफंगल या एंटीबैक्टीरियल साबुन का उपयोग पैरों के लिए करें।
मोजों का उपयोग एक दिन से ज्यादा के लिए न करें। खासकर गर्मी और बारिश में या खेलने और एक्सरसाइज के बाद। यदि आप दिनभर ऐसा काम करते हैं कि पैर पसीने से भरते हैं तो मोजे एक बार से ज्यादा बार भी बदल सकते हैं।
अपने पास 2 जोड़े जूतों के रखें और हर दिन इन्हें बदल बदल कर पहनें। इससे जूतों से नमी को सूखने के पूरा मौका मिलेगा। जूतों के अंदर मौजूद सोल्स को बाहर निकाल कर रख दें। आप चाहें तो इन्हें धो भी सकते हैं।
नायलोन या ऐसे किसी भी मटेरियल के मोजे पहनने से बचें। कॉटन के ऐसे मोजे ही पहनें जो नमी को सोख सकते हों। नेचुरल फाइबर के मोजे भी एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
गर्मियों और बारिश में यदि आवश्यक न हो तो जूतों की बजाय सैंडल्स या चप्पल पहनें। साथ ही घर में भी सूखी चप्पलें पहनें।
घर मे थोड़ी देर नंगे पैर भी रहें।
हमेशा आरामदायक जूते पहने जो पैरों पर कसते न हों।
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Tara Tandi
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