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लाइफ स्टाइल
स्कूल जाने से कतराने लगा है आपका बच्चा, हो सकते हैं ये 6 कारण
Teja
19 May 2022 12:17 PM GMT
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कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो स्कूल जाने पर बहुत रोते हैं। इसका सीधा-सा कारण यह होता है कि बच्चों के लिए अपने पेरेंट को छोड़कर किसी अनजान जगह जाना बहुत ही मुश्किल होता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो स्कूल जाने पर बहुत रोते हैं। इसका सीधा-सा कारण यह होता है कि बच्चों के लिए अपने पेरेंट को छोड़कर किसी अनजान जगह जाना बहुत ही मुश्किल होता है। शुरुआत में तो बच्चों को समझ ही नहीं आता कि हम क्यों और कहां जा रहे हैं। ऐसे में कई जगह एडजेस्ट करने में टाइम तो लगता ही है। इस नॉर्मल चीज से अलग कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो खुशी-खुशी स्कूल चले जाते हैं लेकिन कुछ ही दिनों में या फिर बाद में स्कूल जाने में आना-कानी करने लग जाते हैं। आपका बच्चा भी अगर स्कूल जाने में बहुत ज्यादा रोता है, तो आपको इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए बल्कि पता लगाना चाहिए कि आखिर बच्चे के इस बिहेवियर की वजह क्या है। बच्चा अगर अचानक स्कूल जाने के नाम पर रोने लगता है, तो ये कारण हो सकते हैं-
बच्चे को कोई बुली करता है
आपको बच्चे से पूछने की जरूरत है कि क्या कोई बच्चा या फिर कोई और उसे स्कूल में परेशान करता है? या फिर मजाक उड़ाता है। कई बार बच्चे डराने-धमकाने से इतना डर जाते हैं कि उनके लिए स्कूल बुरे सपने की तरह बन जाता है।
टीचर का बिहेवियर
कई टीचर्स बहुत गुस्से वाले होते हैं या फिर छोटी-छोटी बातों में भी बच्चों को डांट देते हैं या फिर मारने से भी परहेज नहीं करते। ऐसे में आपको यह भी पता लगाने की जरूरत है कि कहीं आपका बच्चा टीचर से डरने की वजह से या फिर उनके बिहेवियर के चलते तो स्कूल नहीं जाना चाहता।
बच्चे के साथ गलत हरकत
आज के समय को देखते हुए बच्चों का एक्सट्रा ख्याल रखना चाहिए। हम आए दिन बच्चों के हैरेसमेंट से जुड़े हुए केसेस पढ़ते हैं। ऐसे में आपको बच्चे से प्यार से पूछना चाहिए कि कोई उसके साथ गलत हरकत तो नहीं करता। आप बच्चों को इससे जुड़ीं बातें भी बता सकते हैं।
मजाक उड़ाना
टीचर, बच्चे या फिर स्कूल का कोई स्टाफ मजाक के नाम पर कई बार बच्चों को कुछ कह देते हैं, जिसे बच्चा दिल पर ले लेता है। जैसे, बच्चे को मोटू कहने पर बच्चा हीनभावना से ग्रस्त होने लगता है और उसे लगता है कि हर रोज इस बात के लिए उसका मजाक उड़ेगा और वह कमतर है।
पढ़ाई-लिखाई में कमजोर
हर बच्चे का मेंटल लेवल यानी समझने-सीखने की क्षमता एक जैसी नहीं होती है, इसलिए कई बच्चों को आसानी से चीजें समझ नहीं आती। ऐसे में अगर कोई बच्चा कुछ सीख नहीं पाता, तो भी वह स्कूल जाने से कतराने लग जाता है। देर से सीखने में कोई बुराई नहीं है इसलिए बच्चों को डांटने की बजाय उन्हें समझाने का तरीका बदलें।
हेल्थ इश्यू
छोटे बच्चे अपने मन की बातें आसानी से नहीं बता पाते हैं। सुबह के समय कई बच्चे एक्टिव फील नहीं कर पाते हैं या फिर अच्छी नींद न लेने की वजह से बच्चे के शरीर और आंखों में दर्द रह सकता है। ऐसे में आपको ध्यान देने की जरूरत है कि बच्चे को कहीं कोई हेल्थ इश्यू तो नहीं है।
Teja
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