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जिस तरह ऑफ़िस में हम सबसे एक शालीन भाषा व व्यवहार की अपेक्षा रखी जाती हैं, उसी तरह हमारी देहभाषा यानी बॉडी लैंग्वेज भी शालीन होनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी बॉडी लैंग्वेज बिना कुछ कहे आपके बारे में बहुत कुछ कह जाती है. आइए जानें, बॉडी लैंग्वेज से संबंधित पांच ग़लतियां, जिनसे आपको हर हाल में बचना है.
ग़लती नंबर 1: कंधे झुकाकर रखना
कंधे झुकाने को थक जाने या हार मानने का प्रतीक माना जाता है. जब ऑफ़िस में आपके कंधे झुके होते हैं तो उससे यह अंदाज़ा लगाया जाता है कि आपमें एनर्जी नहीं है. और तो और आपको किसी चीज़ की ज़्यादा परवाह नहीं है. आपको ऑफ़िस के काम में इंट्रेस्ट नहीं है. आप काम को सीरियसली नहीं लेते हैं. आपके झुके हुए कंधे कुल मिलाकर ऑफ़िस में आपकी नेवगेटिव क्षवि बनाते हैं. तो जब अगली बार आपके बॉस या सहकर्मी आपसे बात कर रहे हों तो चौकस रहें. उनकी बातों को ध्यान से सुनें. आप अपनी कुर्सी पर थोड़ा-सा आगे की ओर सरक जाएं और बीच-बीच में अपना सिर हिलाते हुए यह जताएं कि आप उनकी बातों पर ग़ौर कर रहे हैं. हां, ज़रूरत से ज़्यादा सिर हिलाने से यह लग सकता है कि आप दिखावा कर रहे हैं या बेहद नर्वस हैं. आपको इससे भी बचना है.
ग़लती नंबर 2: बात करते हुए यहां-वहां देखना
जब कोई आपसे बात कर रहा हो तो आपको उसकी आंखों में देखना चाहिए कहने का मतलब आई कॉन्टैक्ट प्रॉपर रखना चाहिए. यहां-वहां देखने को ठीक नहीं माना जाता. इसका यह मतलब लगाया जाता है कि आपको सामनेवाले की बातों में कोई रुचि नहीं है. पर कुछ लोग आई कॉन्टैक्ट को इतना सीरियसली ले लेते हैं कि वे सामनेवाले को इस तरह घूरने लगते हैं कि वह असहज हो जाता है. ऐसे में करें क्या? इसका सबसे अच्छा तरीक़ा है बातचीत करते समय 3 से 5 सेकेंड तक सामनेवाले की आंखों में देखें, फिर अपनी आंखें हटा लें और उसके बाद दोबारा 3 से 5 सेकेंड का आई कॉन्टैक्ट बनाएं.
ग़लती नंबर 3: एकदम से पास आकर बैठ जाना
जब आप ऑफ़िस में किसी अकेले व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के साथ बात कर रहे हों तो आपको इस बात का ख़ास ध्यान रखना होगा कि आपके और उनके बीच ठीक-ठाक फ़ासला हो. एकदम से पास जाकर बात करना ठीक नहीं माना जाता. वहीं एक और बात भी ज़रूरी है. जब कोई आपसे बात करने आए तो अपने काम में लगे रहने के बजाय उसकी ओर ध्यान दें. अगर आप कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम कर रहे हों या कुछ पढ़-लिख रहे हों तो काम करना बंद करके बातचीत करें. अगर आपका काम बहुत अर्जेंट और महत्वपूर्ण हो तो उस व्यक्ति को यह बताते हुए कुछ देर बाद आने कहें.
ग़लती नंबर 4: बातचीत के दौरान हाथों का कुछ ज़्यादा ही मूवमेंट
कई लोग बातचीत करते समय आई कॉन्टैक्ट बनाने जैसा बेसिक नियम तो फ़ॉलो करते हैं, पर उनके हाथों की उंगलियां कुछ और करती रहती हैं. मसलन वे उंगलियां चटकाते रहते हैं या किसी चीज़ से खेल रहे होते हैं. आजकल तो बेवजह मोबाइल की स्क्रीन पर स्वाइप कर रहे होते हैं. इस बॉडी लैंग्वेज से यह इम्प्रेशन जाता है कि मुझे तुम्हारी बातों में कोई ख़ास रुचि नहीं है. हाथों का ज़रूरत से ज़्यादा मूवमेंट यह भी बताता है कि आपमें धैर्य और फ़ोकस की कमी है.
ग़लती नंबर 5: बांहें क्रॉस करके रखना
जब बॉस या दूसरे सहकर्मी आपसे बात कर रहे हों और आप बांहें क्रॉस करके खड़े हों तो मतलब यह है कि आप डिफ़ेंसिव मुद्रा में हैं और बातचीत में बहुत ज़्यादा इंट्रेस्ट नहीं ले रहे हैं. तो अगली बार जब बॉस आपसे बात कर रहा हो या कोई ब्रीफ़ दे रहा हो तो सीधे बैठें या खड़े रहें. आपके कंधे और हाथ रिलैक्स्ड होने चाहिए. अगर आप खड़े हैं तो अपने दोनों हाथों को शरीर के आगे की ओर रखें. बैठे हैं तो हाथों को कुर्सी के हत्ते पर रखें.
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