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स्पीति के नजारों को देखकर हैरान हो जायेंगे आप, जानिए यहाँ के बेस्ट प्लेस के बारे में

Subhi
20 Jan 2022 10:03 AM GMT
स्पीति के नजारों को देखकर हैरान हो जायेंगे आप, जानिए यहाँ के बेस्ट प्लेस के बारे में
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स्पीति घाटी हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है. स्पीति घाटी देश की सबसे ठंडी और खूबसूरत जगहों में से एक है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| स्पीति घाटी हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है. स्पीति घाटी देश की सबसे ठंडी और खूबसूरत जगहों में से एक है. यहां कई ऐसे खूबसूरत प्लेस हैं, जिनको घूमने के बाद आपको हर एक प्लेस फीका सा लगने लगेगा. स्पीति शब्द का अर्थ है 'द मिडिल लैंड', क्योंकि स्पीति घाटी भारत को तिब्बत से अलग करती है. आज हम आपको स्पीति के बारे में बताएंगे.

किब्बर एक बेहद की खूबसूरत प्लेस है.यह स्पीति घाटी में स्थित एक छोटा सा गाँव है. अक्सर लोगों को इस गांव के बारे में नहीं पता होता है. लेकिन घूमने के लिए किब्बर एक शानदार ऑप्शन है. पहाड़ों और बंजर परिदृश्यों से घिरा किब्बर हर किसी को दीवाना करता है. यहां पहुंचने का रास्तो थोड़ा कठिन है. खूबसूरत नजारों के लिए ये जगह खास है.

सूरज ताल समुद्र तल से 4950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसको भारत की तीसरी सबसे बड़ी झील माना जाता है. इसको 'सूर्य देवता की झील' भी कहा जाता है. यहां का सूर्योदय का नजारा ना भूलने वाला होता है. अगर आप शांति की तलाश में हैं तो यहां का रूख जरूर करिए.

काई मठ भारत के लाहौल और स्पीति जिले में एक प्रसिद्ध तिब्बती बौद्ध मठ है. काई मठ के बारे में कई तरह की बातें होती रहती हैं. यह माना जाता है कि ड्रोमटन द्वारा स्थापित किया गया था, जो 11 वीं शताब्दी में प्रसिद्ध शिक्षक आतिशा के छात्र थे. ये शांति और सुकून से वक्त गुजारने के लिए बेस्ट जगह है.

चंद्रताल झील टूरिस्ट और ट्रेकर का स्वर्ग माना जाता है. अगर आपको ट्रैकिंग का शौक है तो ये आपके लिए शानदार है. माना जाता है कि "चंद्र ताल" का नाम इसके अर्धचंद्राकार की वजह से पड़ा है. यह झील दुनिया भर से एडवेंचर्स को पसंद करने वाली मानी जाती है. कहते हैं कि इस खास झील के पानी का रंग दिन ढलने के साथ लाल से नारंगी और नीले से हरे रंग में बदल जाता है.

कुंजुम दर्रा एक बहुत प्यारा प्लेस है.ऊँचे मोटरेबल माउंटेन पासों में से एक ये है. कुछ रिपोर्ट की मानें तो जो पर्यटकों यहां जाते हैं उनको देवी कुंजुम देवी के मंदिर के पास रास्ते में उनके सम्मान के रूप में बीहड़ इलाके से सुरक्षित रूप से यात्रा करने का आशीर्वाद लेने के लिए रुकना पड़ता है. माना जाता है कि यात्रियों को मंदिर की परिक्रमा करनी होती है.



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