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आप भी है ऐतिहासिक इमारतों के शौक़ीन ,यहां की संस्कृति मनमोह लेगी

Sanjna Verma
21 April 2024 3:47 PM GMT
आप भी  है ऐतिहासिक इमारतों के शौक़ीन ,यहां की संस्कृति मनमोह लेगी
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गर्मियों की छुट्टियां जल्द ही आने वाली हैं, ऐसे में अगर आप अगर अकेले घूमने में सुकून खोजते हैं या फिर आपका परिवार है और आप परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाना चाहते हैं तो आपके लिए हमारे पास कुछ ऐसी घूमने लायक जगहों की जानकारी है, जहां पर आप जाकर सुकून महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रकृति के करीब होकर उसे जान सकते हैं, जी हां! आज हम आपको अपने देश की कुछ ऐसे नेशनल पार्क के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर आपको वाइल्ड लाइफ की जानकारी को मिलेगी ही साथ ही खूब मौज-मस्ती करने का मौका भी मिलने वाला है।
हम भारतीय अक्सर गर्मी की छुट्टियों से पहले ही नानी के घर और गांव जाने की तैयारी करना शुरू कर देते हैं, अगर आप भी कई साल से ऐसी ही प्लानिंग कर रहे हैं तो इस बार थोड़ा से बदलाव कीजिए। अपने परिवार के साथ नानी-दादी के परिवार को भी आउटिंग के लिए मनाइए और घूम आइये इन जगहों पर जहां अच्छा माहौल और साफ-सुथरी हवाएं भी मिलेंगी। आज हम आपको तीन ऐसे नेशलन पार्क के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप परिवार के साथ भी और अकेले भी जा सकते हैं। इन पार्कों में आपको अलग-अलग तरीके के जानवरों के बीच घूमने के लिए अच्छा मौका मिलेगा। इसके साथ ही घने जंगलों में झरना और जीप सफारी का भी आनंद लेने का मौका मिल सकता है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान नेशनल पार्क आपको विविध जानकारियों के साथ ही घूमने का भी मजा देने वाला है। यह पार्क असम में स्थित है, इस पार्क की खूबसूरती देखकर आप हैरान रह जाएंगे। इस पार्क को देखने और घूमने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। इस पार्क में आपको अलग-अलग तरह के जानवर देखने को मिल जाएंगे। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में आप पूरे साल जा सकते हैं, यह असम राज्य का एक राष्ट्रीय उद्यान है। एक सींग का गैंडा (भारतीय गेंडा) के लिए यह विशेष रूप से प्रसिद्ध है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 430 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हाथी-घास के मैदानों, दलदली लैगून और घने जंगलों से घिरा हुआ है, जो 2200 से अधिक भारतीय एक सींग वाले गैंडों का घर है।
काजीरंगा पार्क का वन क्षेत्र भारतीय गैंडों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी का घर है। अन्य जानवर जो घास, दलदली भूमि और काजीरंगा के घने उष्णकटिबंधीय नम चौड़ी पत्ती वाले जंगलों में देखे जा सकते हैं, वे हैं हूलॉक गिब्बन, बाघ, तेंदुआ, भारतीय हाथी, स्लॉथ भालू, जंगली जल भैंस, दलदली हिरण आदि। हर साल बाघों की आबादी में वृद्धि के साथ सरकार ने वर्ष 2006 में काजीरंगा को टाइगर रिजर्व घोषित किया था। इसके अलावा यहां मध्य एशिया से आने वाली प्रवासी पक्षी प्रजातियों की अच्छी संख्या पाई जाती है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भी आपके घूमने के लिए अच्छी जगह हो सकती है, यह उत्तराखंड में स्थित है। यहां पर आप सफारी का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर आपको रहने के लिए रिसॉर्ट भी मिल जाएंगे। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क सालभर खुला रहता है। साल 1936 में स्थापित यह भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है, इसका नाम प्रसिद्ध प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है। हिमालय की तलहटी में प्रसिद्ध हिल-स्टेशन नैनीताल के पास स्थित, खूबसूरत जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बड़ी संख्या में बाघों का घर होने के लिए प्रसिद्ध है, जो किसी भी भारतीय राष्ट्रीय पार्क में सबसे अधिक है।
यह पार्क पौरी गढ़वाल, अल्मोड़ा और नैनीताल के सुरम्य परिदृश्यों में फैला हुआ है। जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के लिए घने जंगल में जीप सफारी एक विशेष अनुभव कराता है। अगर आप भाग्यशाली रहे तो आपको बाघ को देखने का भी मौका मिल सकता है। जीप सफारी के दौरान नदियों और झरनों से घिरे हरे-भरे जंगल के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। पार्क के अंदर रात्रि विश्राम के लिए भी आवास उपलब्ध रहते हैं, आपको जीवन में एक बार का इसका भी अनुभव जरूर लेना चाहिए।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान आपके घूमने के लिए बेस्ट जगह हो सकती है। इस पार्क में आपको काला हिरण, बारहसिंगा, सांभर और चीता देखने को मिल सकता है। यह पार्क 1 अक्टूबर से 30 जून तक खुला रहता है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की मैकल श्रृंखला में बसा है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान निश्चित रूप से जंगली प्रजातियों के लिए स्वर्ग है, जो उनके लिए प्राकृतिक रहने योग्य जगह है। यह उद्यान विभिन्न प्रकार के जीवों से भरा हुआ है, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान बारहसिंघा, दलदली हिरण के लिए जाना जाता है, इसे ‘कान्हा का गहना’ कहा जाता है।
कान्हा में प्रकृति प्रेमियों के लिए यात्रा करना बेहद सुकून भरा हो सकता है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मैकाल पर्वत शृंखला में 940 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है, बफर और कोर जोन को मिलाकर कान्हा टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1945 वर्ग किमी है। हाथी और जीप सफारी के साथ इन सभी प्रजातियों को देखकर आपको काफी अच्छा लगेगा। जंगल सफारी से आप जंगली जानवरों को करीब से देख सकते हैं और उनकी शानदार तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।
पार्क भ्रमण की योजना बनाते समय आपकी और आपके समूह के अन्य सदस्यों की सीमाओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। उन गतिविधियों को पहले ही चुनें, जिनका आप आनंद ले सकते हैं और अपने समूह में सभी के कौशल, अनुभव, फिटनेस स्तर और आवश्यक दवाओं जैसे किसी भी अन्य चिकित्सीय विचार का आंकलन करके बचाव की आवश्यकता की संभावना को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही पार्कों में अधिक जोखिम वाली गतिविधियां करते समय, एक आपातकालीन योजना तैयार कर लेनी चाहिए। उसका अभ्यास करना भी महत्वपूर्ण होता है, जो आपको और आपके समूह को खोए हुए या घायल समूह के सदस्य को प्रतिक्रिया देने में मदद करेगा।
पार्क की अपनी यात्रा के लिए पहले से ही योजना बनाएं और पार्क के पर्यावरण और खतरों के बारे में जानें, जो आपकी यात्रा को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें खराब मौसम, जंगली जानवरों की जगहों या अन्य किसी खतरे के बारे में पहले से जानकारी कर लेनी चाहिए। यदि कोई चीज आपकी योजनाओं में बाधा डालती है, तो वैकल्पिक गतिविधियों या पुनर्निर्धारित तिथि के साथ एक बैक-अप योजना को भी आपको तैयार रखना चाहिए।
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