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योग से बैड कोलेस्ट्रॉल हो जाएगा कम

Apurva Srivastav
18 March 2023 6:12 PM GMT
योग से बैड कोलेस्ट्रॉल हो जाएगा कम
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हार्ट एक पंपिंग मशीन है जिसमें धमनियों के माध्यम से खून पहुंचता है
हार्ट एक पंपिंग मशीन है जिसमें धमनियों के माध्यम से खून पहुंचता है और वहां से खून शुद्ध होकर शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचता है लेकिन गंदा कोलेस्ट्रॉल धमनियों में चिपककर जीवन को खतरे में डाल देता है. दरअसल, कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं. गुड कोलेस्ट्रॉल इंसान के लिए बहुत ही जरूरी है. यह एक तरह का फैट हा जो चिपचिपा मोम की तरह होता है. कोलेस्ट्रॉल के कारण शरीर में कई हार्मोन और सेल मेंब्रेन बनते हैं. अगर कोलेस्ट्रॉल शरीर में न रहे तो हम बहुत दिनों तक जिंदा ही नहीं रह पाएंगे. लेकिन दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल हमारे लिए बहुत बड़ा विलेन है. बैड कोलेस्ट्रॉल हमारे जीवन को ही खतरे में भी डाल देता है. इसे एलडीएल-लो डेंसिटी लिपिड कहते हैं. बैड कोलेस्ट्रॉल यदि बढ़ जाए तो हमारे लिए यह दुश्मन बन जाता है. पर योग में इतनी शक्ति है कि बैड कोलेस्ट्रॉल को भी कुछ ही दिनों में सफाया कर सकता है.
बैड कोलेस्ट्रॉल का हमला बहुत ही चुपके से होता है. इसलिए हमें शुरुआत में इसका पता लगाना चाहिए. यदि बैड कोलेस्ट्रॉल के लक्षण दिखे तो तुरंत योग शुरू कर देना चाहिए. इसके लिए एक्सपर्ट की भी जरूरत नहीं होगा. योग को करना भी बेहद आसान है. एक बार सीख लिया तो हमेशा के लिए आप इसे कर सकते हैं.
योग से बैड कोलेस्ट्रॉल का हो जाएगा सफाया
1.पश्चिमोत्तासन–एनडीटीवीकी खबर के मुताबिक पश्चिमोत्तासन बैड कोलेस्ट्रॉल को जड़ से खत्म कर सकता है.इसके लिए अपने पैरों को अपने सामने सीधा करके बैठ जाएं. इस पोजीशन में आपके पैरों के तलवे सामने की ओर होने चाहिए. धीरे-धीरे अपने धड़ को अपने पैरों के करीब और जहां तक संभव हो नजदीक ले आएं. ऐसा करते हुए आपका पेट और छाती आपकी जांघों को छूने वाली होनी चाहिए. पैरो को छूते हुए अपना चेहरा आगे की ओर रखें. इस पोजिशन में 10-20 सेकंड रहें. आप अपनी सुविधा के हिसाब से इसे दोहरा सकते हैं. पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करते समय शरीर के पिछले हिस्से यानी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव उत्पन्न होता है, इस कारण इस आसन को पश्चिमोत्तानासन कहा जाता है.
2. सर्वांगासन-इस पोजिशन में आपको अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर रखना होता है. जिसमें पूरे शरीर को कंधों पर संतुलित किया जाता है. इसके लिए आप पीठ के बल लेट जाएं और धीरे-धीरे दोनों पैरों को 90 डिग्री पर उपर उठाएं. अगर ऊपर उठाने में दिक्कत हो रही है तो हाथों से सहारा दें. याद रहे शरीर का पूरा भार आपके कन्धों व हाथों के ऊपरी हिस्से पर होना चाहिए, न कि आपके सर और गर्दन पर. शुरुआत में आप लोअर बैक के नीचे 2-3 तकिया रख सकते हैं.
3. नादी शोधन प्राणायाम-इस आसन के लिए पहले पालथी मार के और कमर सीधी कर बैठ जाएं. दाहिने हाथ की उंगलियों को मुंह के सामने लाएं. अंगूठा दाहिने नासिकाछिद्र के उपर और अनामिका बाएं नासिकाछिद्र के उपर रखें. पहले एक नासिकाछिद्र को दबाकर दूसरे से सांस लें और उसके बाद दूसरे नासिकाछिद्र को दबाकर पहले नासिकाछिद्र से सांस लें. इस क्रिया को दोहराएं. जबरदस्ती सांस न लें. जितना संभव हो सके उतना ही सांस को रोके रखें और फिर इसे छोड़ें.
4. बालासन योग- इस आसन के लिए कमर सीधी घुटनों के बल बैठ जाएं. दोनों टखनों और एड़ियों को आपस में छुने दें. गहरी सांस खींचकर आगे की तरफ झुकें. पेट को नीचे ले जाते हुए दोनों जांघों के बीच ले जाएं और सांस छोड़ दें. इस पोजीशन में आपकी पिंडलियां, माथा और हथेलियां जमीन को छूती हुई होनी चाहिए. यह शरीर को फैलाकर रिलेक्स फील कराता है. इस पोजिशन में आप 10-15 सेकेंड रुके. यह योगाभ्यास रोजाना 4 से 5 सेट करें.
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